पूर्णिमा पर किए गए उपाय शीघ्र फलदायी
पूर्णिमा पर किए गए उपाय शीघ्र फलदायी वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा की शुरुआत 10 जुलाई को देर रात 01 बजकर 36 मिनट पर होगी और इसका समापन 11 जुलाई को देर रात 02 बजकर 06 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पावन और पुण्यफल देने वाला माना जाता है। विशेष रूप से इस पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किए गए उपाय बहुत फलदायक माने जाते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर जीवन में सुख, समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति के लिए आषाढ़ पूर्णिमा का दिन श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करके व्यक्ति दरिद्रता से मुक्ति पा सकता है और आर्थिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। 1. श्री यंत्र का पूजन करें- आषाढ़ पूर्णिमा की सुबह श्री यंत्र को लाल वस्त्र पर स्थापित करें। उसे गंगाजल, दूध, शहद से शुद्ध कर कमलगट्टे की माला से ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मां लक्ष्मी का आह्वान करने का प्रभावशाली उपाय है। 2. लक्ष्मी-नारायण का संयुक्त पूजन करें- इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। पीले और लाल फूल अर्पित करें, पंचामृत से स्नान कराएं और तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में शांति आती है। 3. पूर्णिमा व्रत रखें और चंद्रमा को अघ्र्य दें- व्रत रखने के पश्चात रात्रि में चंद्रमा को दूध, जल, शक्कर और चावल मिलाकर अघ्र्य दें। इससे मानसिक शांति मिलती है और धन संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। 4. पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाएं- सांझ के समय पीपल वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए सात परिक्रमा करें। यह उपाय पितृ दोष को शांत करता है और लक्ष्मी कृपा प्रदान करता है। 5. कन्या या ब्राह्मण को दान दें- सिंदूर, पीली दाल, मिठाई, वस्त्र, घी आदि का किसी कन्या या ब्राह्मण को दान करें। यह पुण्य देने वाला उपाय लक्ष्मी प्राप्ति का मार्ग खोलता है। 6. कौड़ी और कमलगट्टा रखें तिजोरी में- रात्रि में 7 पीली कौडिय़ां और 3 कमलगट्टे का पूजन करके उन्हें लक्ष्मी मंत्र के साथ घर की तिजोरी या धन रखने की जगह रखें। इससे स्थायी धन लाभ होता है। 7. नई झाड़ू लाएं और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें- इस दिन घर में साफ-सफाई के बाद नई झाड़ू लाएं और पुरानी को श्रद्धापूर्वक हटा दें। शाम को श्री लक्ष्मी स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें। इससे लक्ष्मी का वास घर में बना रहता है।

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