ज्योतिष में दशाओं का महत्व I Importance of Dasha in Astrology



कई बार ये प्रश्न हमारे सामने आता है कि हमने किसी कार्य की शुरुआत ज्योतिष विज्ञान के माध्यम से की ये कैसे ज्ञात किया जाए कि वो समय सही है, वो कार्य हमारे लिए सही है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने  स्वयं के इतिहास की तरफ देखने की आवश्यकताएं रहती है। आपने पचास वर्ष की उम्र प्राप्त कर ली है, 45 वर्ष के हो गए हैं या फिर बिलकुल युवा हैं, एक बार वह समय याद कीजिये जहां पर बिलकुल निर्णायक गतिविधियों में परिवर्तन जीवन में निकल कर आए।

एक नौकरी-पेशा जीवन के साथ आप चल रहे थे, और वहीं आपकी जन्म कुंडली में केतु की अन्तर्दशा आती है और एक पोजीशन क्लिक करती हुई सामने आती है, कोई व्यक्ति कहता है कि आपके हुनर की हमको आवश्यकता है और आप हमारे साथ में अपने वर्किंग एक्सपीरियंस को लेते हुए आगे बढ़ जाइये और वहीं से आगे केतु  में जो शुक्र की अन्तर्दशा  आई उसने पूरे ही जीवन को परिवर्तित करके रख दिया और आपने कई बार ऐसी स्थितियां भी देखी कि अच्छे खासे नौकरी पेशा जीवन के साथ में व्यक्ति चल रहा था, दिग्भ्रमित करती हुई कोई दशा जीवन में प्रवेश करती है और कोई व्यक्ति आपसे कहता है कि इस व्यापार में मेरे साथ आपकी जमा पूंजी लगा दीजिये। वर्किंग एक्सपीरियंस की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ आपकी पूंजी की आवश्यकता है आप उस ओर जाते हैं और वहीं से जो अपने जीवन की पूरी गाढ़ी कमाई थी, उसको व्यर्थ करने का कार्य कर देते हैं। ढैय्या में किसी कार्य की शुरुआत की, साढ़े साती में किसी कार्य की शुरुआत की, ये ज्ञात नहीं था कि इस समय शुरू किया गया कार्य एक धैर्य की स्थितियों के साथ में चलायमान रखेगा हमको वहीं हमारा पेशेंस जवाब देता है हम उस कार्य को छोड़ देते हैं हमारी मूलभूत प्रकृति उस कार्य को बहुत आगे लेकर जा सकती थी, किन्तु संभावनाएं वहीं शून्य होकर रह गई । 

यह ध्यान देना आवश्यक है कि कौन सी दशा चल रही है, क्या वो दिग्भ्रमित करने वाली है, या फिर वो जीवन को पूरे तरीके से परिवर्तित करने वाली है। दशाएं उसके साथ में ही साढ़े साती, ढैय्या का अंतराल समय की गतिविधियां और ग्रहीय व्यवस्थाएं बारह भावों में किसी तरह से विराजित है और फिर गोचर ये सब कुछ अगर देख  लिया जाए और  उस कामकाज की ओर बढ़ा जाए तो सफलता के निहितार्थ उद्देश्य सामने आते हैं और भावी भविष्य के अंदर जब भी आप कोई ऐसा निर्णय लें, एक बार अपनी पोजीशंस को देख लें उसके बाद में आगे बढ़े तो आप ये पाते हैं कि धैर्य के साथ में और एक असीमित ऊर्जा के साथ में अपने कार्य को आप परिपूरित करते हुए आगे बढ़ते चले जाते हैं।

Comments

  1. Dhanu rashi sept 2021 Rahu ki dasha me surya ki antardasha

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