मंगल की महादशा के प्रभाव. effects of mangal mahadasha.

 


                                                             
मंगल की महादशा के प्रभाव


जातक मांगलिक है और इतना सुनते ही हमने उस कुण्ड़ली को बड़े दोष के रूप में देख लिया। मंगल की 7 वर्षों की महादशा को कई बार ऐसे देखे जाता है कि ये दशा क्रोध को बढ़ाएगी, रक्त संबंधित विकार दे देगी। संबंध खराब करवा देगी। किंतु हम ये नहीं देखते कि मंगल भूमिसूत है, आशीर्वाद देते समय क्यों कहा जाता है कि मंगल ही मंगल हो। क्यों कहा जाता है कि घर में मांगलिक कार्य है। 

मंगल पापी ग्रह है, अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है, ग्रहों में सेनापति है तो साथ में ही मंगल पंचमहापुरूषों में से एक योग रूचक योग भी बनाते है। भूमिसूत कहे या चाहे अंगारक ये ग्रह पहले व्यक्ति को कार्य करवाता है, फिर अनुभव देता है। जुबान कुछ कहने के बाद पश्चाताप भी नहीं आना ये मंगल की प्रवृति है। जहां सौ लोग नकारात्मक हो चुके हो, और वहां एक व्यक्ति खड़ा होकर कहें कि मैं ये कार्य करके दिखाउंगा तो समझ लीजिए कि मंगल प्रभावी है। 

वहीं एक स्पष्ट बात और मैं यहां कहना चाहूंगा कि 7 वर्षों की ये दशा चाहे तो एक सामान्य खिलाड़ी को राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाकर रख दें। ये 84 महिने चाहे तो इन्र्फोमेंशन टेक्नोलाॅजी के साथ जुड़े व्यक्ति को सामान्य पथ से उच्चस्थ अधिकारी बनाकर रख दें। भटके हुए युवा को भटकने वालों की जिदंगी सुधारने वाला व्यक्ति बनाकर रख दें। 

आप देखे कि ये दशा जब शुरू होती है तो उसके पहले चन्द्रमा की महादशा आती है तथा ये दशा व्यक्ति के भीतर एक ठंडक देकर जाती है। मंगल ऊर्जा और उत्साह का दूसरा नाम है। प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम में मंगल यदि उच्चस्थ या स्वग्रही हो तो आप समझ लिजिए कि इस दशा के साथ अब आप भाग्य भरोसे नहीं बैठेंगे। ऊर्जावान रहेंगे तथा दूसरों को प्रोत्साहित करते रहेंगे। 

वहीं जो ये 7 वर्ष होंगे। इसमें यदि लग्न में मंगल उच्चस्थ या स्वग्रही हो तो आत्मविश्वास तथा कामकाजी जीवन में लगातार उत्साह बना रहता है। संघर्ष जीवन की हिस्सेदारी के साथ चलते है। तो वहीं इन 4 ही भावों में यदि मंगल नीचस्थ और शत्रु क्षेत्री हो तो भूमि संबंधित बड़े निर्णय लेने से बचना चाहिए। तो वहीं जो कोई भी व्यक्ति आपको आकर ये कहें कि इस तरह से चलते है और ये हासिल कर लेंगे ऐसी प्रवृतियों से बचना चाहिए। 

द्वितीय भाव में मंगल जहां अकारक हो जाते है, वाणी की शालिनता व्यक्ति खोने लगता है, कुटुम्बकीजनों के साथ तकरार बढ़ने लगती है। जहां अनुभव नहीं हो वहां ऐसे कार्याें में बहुत सावधान रहकर चलें। 

तृतीय भाव में यदि मंगल हो तो आप ये देखे कि भाग्य को सहयोग मिलता है। और साथ ही साथ ये भी स्पष्ट है कि जो पराक्रम में वृद्धि होनी चाहिए वो भी पूर्णतया बनी रहती है और व्यक्ति भाईयों के साथ संबंधों में कमजोरी अनुभव करता है। मिठास नहीं रह पाती। 

पंचम के मंगल हो और मजबूत स्थितियों में हो तो ये स्पष्ट है कि मेड़िकल फील्ड़ और तकनीकी शिक्षा के साथ व्यक्ति एक बड़ा नाम स्थापित करता है। 

षष्ठ भाव के मंगल हो तो ये हमेशा याद रखें कि मंगल की इन 7 वर्षों की दशा में ऋण को लेकर कोई भी बड़ा निर्णय नहीं लेंगे। जीवन जैसे चल रहा है, जिस आधार पर चल रहा है बस ये ही समझ कर चलेंगे कि हम यहां ऋण संबंधित गतिविधियों में नहीं फंसने वाले होंगे। ऋण को इस समय सबसे बड़ा शत्रु मानकर चलें। 

तो वहीं अष्टम भाव के मंगल यदि मजबूत हो या चाहे कमजोर स्थितियों में हो इन 7 वर्षों में वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। रिसर्च क्षेत्र में ये 7 वर्ष वारे-न्यारे करके चले जाते है। तो वहीं दूसरी ओर इसी समय के आधार पर आपके लिए विदेश संबंधित किसी भी गफलत में उलझने से बचना चाहिए। 

नवमं भाव में मंगल द्वितीय भाव के मंगल की तरह ही इन 7 वर्षों में व्यक्ति को पुस्तक प्रेमी बनाकर रख देते है और आकस्मिक तौर पर भाग्य का सहयोग भी इन 7 वर्षों में मिलता है। 

एकादश के मंगल के साथ मंगल की महादशा में संतान से जुड़ाव नहीं रह पाता। किंतु प्रमुख तौर पर शेयर मार्केट संबंधित कामकाज फायदा देते है, तकनीकी संबंधित क्षेत्र में प्रमोशन आदि निरंतर प्राप्त होती है। 

द्वादश के मंगल हो तो रक्त संबंधित विकार परेशान करते है, तो दूसरी ओर यहां पर भी अनर्गल खर्चे निकलकर आते है जो कि ऋण की प्रवृतियों को बढ़ा सकते है। उनसे भी बचना चाहिए। किंतु विदेश संबंधित कार्यों में गति आती है।     


Comments

  1. अच्छी जानकारी
    आभार
    🙏🙏🙏🙏🙏.

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  2. Aapke blogs acche hai lekin agar aap mahadasha ke antargat aane wali aantar dasha ka vivechan kare to adhik sahyata hogi

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    1. जी धन्यवाद..आपका सुझाव सराहनीय है। मेरा प्रयास रहता है कि मैं सभी विषयों को समय-समय पर लेता रहा हूं, फिर भी व्यस्तता आदि कारणों से संभव नहीं हो पाता है। आगामी ब्लॉग में आप द्वारा सुझाए गए विषयों को लेना मेरा प्रयास रहेगा।

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  3. My date of birth 30 October 1973 at 11:40 PM ,Birth place Delhi Cantt

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  4. जी सम्बन्धित जानकारी के लिये आप हमारे जोधपुर कार्यालय के फोन नंबर 8905521197 पर सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।

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  5. Gyanvardhak jankari k liye dhanyavad.

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  6. Bhot acchi jankari Acharya ji. .dhnyawad

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  7. Sir, aap ka WhatsApp number share kare 🙏

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