पूर्णिमा व्रत से मिलती सुख-समृद्धि || Vaibhav Vyas


 
पूर्णिमा व्रत से मिलती सुख-समृद्धि 

पूर्णिमा व्रत से मिलती सुख-समृद्धि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा मनाई जाएगी। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं। स्नान के बाद दान करते हैं और सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं। पूर्णिमा का व्रत उस दिन रखते हैं, जिस दिन पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय हो रहा हो, जबकि स्नान और दान पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय को आधार मानकर किया जाता है। पूर्णिमा को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है, इससे जीवन में धन, वैभव, सुख और समृद्धि आती है। पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जुलाई को होगी। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन जो लोग व्रत रखेंगे, वे चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा करें और चन्द्रमा को अघ्र्य दें। ऐसा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है। चंद्रमा को कच्चे दूध, सफेद फूल और अक्षत से अघ्र्य देना चाहिए। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान और दान 21 जुलाई को होगा। उस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त से स्नान और दान का कार्य कर सकते हैं। उस दिन आप स्नान और दान सुबह 05.37 बजे से करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। पूर्णिमा का व्रत रखने वालों को इस दिन व्रत का विधिपूर्वक संकल्प करके व्रत करना चाहिए। व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य भगवान को अघ्र्य देने के पश्चात भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूजा में माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। इस दिन चन्द्र दर्शन के पश्चात व्रत का पारणा करना चाहिए। इस दिन शुभ मुहूर्त में किया गया दान-पुण्य शीघ्र फलदायी माना गया है। इसलिए इस दिन जरूरतमंदों को अपनी सामथ्र्य अनुसार दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए।

Comments