गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर || Vaibhav Vyas



 गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर 

 गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को काफी शुभ माना जाता है। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसी तिथि पर वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म दिवस भी मनाया जाता है। यही कारण है कि इसे आषाढ़ी और व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। यह दिन मुख्य रूप से गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का होता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुवार 10 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा का दिन हमें इस बात की सीख देता है कि, जीवन में गुरु का महत्व ईश्वर से भी ऊपर है, इसलिए कबीर दास जी ने अपने दोहे में लिखते हैं- गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांव, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय। गुरु का स्थान भगवान से ऊंचा- यानी जब गुरु और गोविंद (भगवान) दोनों एक साथ खड़े हों तो पहले गुरु के पैर छूने चाहिए, क्योंकि गुरु ही भगवान तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं। गुरु के ज्ञान से ही भगवान को भी पाया जा सकता है। इसलिए गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा है। गुरु के ज्ञान का जीवन में अहम योगदान होता है। गुरु के ज्ञान से जीवन का अंधेरा मिटता है, सफलता मिलती है, व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान हासिल होता है और बुद्धि का विकास होता है। अगर आप जीवन में कामयाबी और सम्मान चाहते हैं तो गुरु पूर्णिमा के दिन ये काम जरूर करें। सफलता प्राप्ति के लिए उपाय- तमाम प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है या नौकरी-बिजनेस में तरक्की नहीं हो रही तो गुरु पूर्णिमा के दिन पीले रंग की मिठाई से भगवान की पूजा करें और बाद में इसे प्रसाद स्वरूप बांटें। इस उपाय से नौकरी-बिजनेस में रुकी हुई तरक्की के मार्ग खुलने लगेंगे। आर्थिक लाभ के लिए उपाय- गुरु पूर्णिमा के दिन गरीब और जरूरतमंदों में पीले रंग की वस्तुएं जैसे पीले रंग का अनाज, मिठाई या वस्त्र आदि का दान करने पर आर्थिक लाभ होता है। वैवाहिक जीवन के लिए उपाय- गुरु पूर्णिमा के दिन अपने घर पर गुरु यंत्र की स्थापना करें और विधिवत पूजन करें। इससे दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाएंगी। गुरु ग्रह को करें मजबूत- कुंडली में गुरु कमजोर हो तो लाख प्रयास के बाद भी तरक्की नहीं मिल पाती है, ऐसे मे गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन पर आप अपने सामथ्र्यनुसार हल्दी, पीली दाल, बेसन के लड्डू, केला, चने की दाल, केसर, पीतल के बर्तन आदि जैसी चीजों का दान कर सकते हैं, इससे कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होकर शुभ फल प्रदान करेंगे।

Comments