एकादशी व्रत से होता पापों का नाश || Vaibhav Vyas


एकादशी व्रत से होता पापों का नाश 

 एकादशी व्रत से होता पापों का नाश सनातन धर्म में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह दिन जगत के पालनहार श्री हरि को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी पापों का नष्ट होता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हर साल देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु अगले चार महीने तक क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं, इस दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। इस दिन कुछ उपायों को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तुलसी के पत्तों से अर्चना करें- भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। देवशयनी एकादशी के दिन शुद्ध जल से स्नान कर, तुलसी के पत्तों के साथ श्री हरि के मंत्रों का जाप और पूजा करें। इस उपाय को करने से मन की हर मुराद पूरी होती है। विष्णु जी को पीले वस्त्र और चंदन अर्पित करें- विष्णु जी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल और चंदन अर्पित करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और परिवार में शांति बनी रहती है। दक्षिणा और दान करें- देवशयनी एकादशी के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा, और धार्मिक ग्रंथों का दान करना अत्यंत फलदायी माना गया है। इस उपाय को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। दीपदान करें- देवशयनी एकादशी के पर शाम के समय तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करें। यह उपाय दरिद्रता हटाता है और सुख-शांति लाता है।

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