निर्जला एकादशी व्रत से दूर होता है तनाव || Vaibhav Vyas



निर्जला एकादशी व्रत से दूर होता है तनाव 

 निर्जला एकादशी व्रत से दूर होता है तनाव हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी, जिसे ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका पालन करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसकी आत्मा पवित्र हो जाती है। यह व्रत करने से भक्त भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के मन को शांति मिलती है और वह नकारात्मक विचारों से मुक्त हो जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। यह व्रत करने से भक्त भगवान के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रदर्शित करता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और अपने कर्मों को सुधार सकता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि इससे शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इस व्रत को करने से शरीर की गर्मी कम होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही, इस व्रत को करने से मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है। निर्जला एकादशी की तिथि 6 जून 2025 को सुबह 2.15 बजे से शुरू होकर 7 जून को सुबह 4.47 बजे तक रहेगी। निर्जला एकादशी तिथि करीब 24 घंटे रहेगी। दोनों ही दिन उदयातिथि का संयोग बन रहा है। 6 जून 2025 - शास्त्रों के अनुसार जब भी एकादशी के लिये लगातार दो दिनांक सूचीबद्ध की गयी हो, तो गृहस्थ जीवन वालों को पहले दिन एकादशी व्रत का पालन करना चाहिए।

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