चतुर्थी व्रत से मिलता सुख-सौभाग्य
चतुर्थी व्रत से मिलता सुख-सौभाग्य सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साधक गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए चतुर्थी तिथि पर व्रत भी रखते हैं। इससे काम में सिद्धि एवं सफलता मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए बड़ी संख्या में साधक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा एवं भक्ति करते हैं। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की पूजा करने का विधान है। साथ ही सभी से विघ्नों से छुटकारा पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है। मान्यता के अनुसार, जो जातक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की उपासना करता है। उसे प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मुराद पूरी होती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से एक दिन पहले चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त- वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 जून को सुबह 09 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 29 जून को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। तिथि गणना से 28 जून को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। विनायक चतुर्थी शुभ योग- ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ हर्षण योग का संयोग बन रहा है। हर्षण योग का संयोग शाम 07 बजकर 15 मिनट तक है। इसके साथ ही रवि योग का भी संयोग है। रवि योग सुबह 06 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 29 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक है। इन योग में स्नान-ध्यान कर भगवान गणेश की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध होंगे।

Comments
Post a Comment