एकादशी व्रत से पुण्य फलों की प्राप्ति
एकादशी व्रत से पुण्य फलों की प्राप्ति हिंदू धर्म में सभी एकादशी का अपना-अपना महत्व है। आषाढ़ माह में भी पडऩे वाली एकादशी बहुत फलदायी मानी जाती है। ये भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इन एकादशी का उपवास रखने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी 21 जून को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 22 जून को सुबह 4 बजकर 27 मिनट होगा। पंचांग को देखते हुए योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून, 2025 को किया जाएगा। पंचांग गणना के आधार पर आषाढ़ महीने शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 05 जुलाई को शाम को 6 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 06 जुलाई को रात 9 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल देवशयनी एकादशी का व्रत 06 जुलाई,2025 को रखा जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा विधि- साधक सुबह स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। मंदिर की सफाई करें और एक वेदी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए पूजा में पीले फूल, पीले वस्त्र, पीली मिठाई, पीले फल, चंदन, तुलसी दल, धूप, दीप आदि शामिल करें। सबसे पहले भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराकर पीले वस्त्र पहनाएं। चंदन का तिलक लगाएं। फूल, तुलसी दल और भोग चढ़ाएं। धूप और दीप जलाएं। भगवान विष्णु के वैदिक मंत्रों का जाप करें। एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। अंत में आरती करें और पूजा में हुई गलती के लिए माफी मांगे।

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