सुख-समृद्धि व वैभव के लिए करें मां लक्ष्मी की आराधना || Vaibhav Vyas



सुख-समृद्धि व वैभव के लिए करें मां लक्ष्मी की आराधना

 सुख-समृद्धि व वैभव के लिए करें मां लक्ष्मी की आराधना ज्येष्ठ यानी जेठ मास भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी जी के प्रिय महीनों में से एक है। ज्येष्ठ मास के महात्म्य के बारे में शास्त्रों में भी बताया गया है। इस मास में नदी-संगम में स्नान करने मात्र से ही शुभ मिलने की मान्यता है। ज्येष्ठ मास में श्री भगवान विष्णु हरि के साथ ही साथ मां लक्ष्मी जी की पूजा-आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव आने वाला रहता है। ज्येष्ठा शुक्ल पक्ष में मां की आराधना शीघ्र फलदायी मानी गई है। लक्ष्मी जी की पूजा का महत्व- ज्येष्ठ मास में लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाले सभी दिन लक्ष्मी जी की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जिन लोगों के जीवन में धन संबंधी कोई भी परेशानी है, उन्हें ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में लक्ष्मी जी की पूजा करने से उत्तम फल प्राप्त होता है। ज्येष्ठ मास में मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना के साथ ही मंदिर में पीली वस्तुओं का दान करना श्रेयष्कर माना गया है। साथ ही माता को खीर का भोग लगाना चाहिए। 5 कामों को भूल कर भी न करें- स्वच्छता न रखना- लक्ष्मी जी को स्वच्छता अधिक प्रिय है इसलिए गदंगी से दूर रहें। घर को स्वच्छ रखें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर में मकड़ी के जाले नहीं होने चाहिए। अन्न का अनादर करना- लक्ष्मी जी उस व्यक्ति को अपना आशीर्वाद नहीं देती हैं जो अन्न और जल का आदर नहीं करते। भोजन करते समय जूठा अन्न नहीं छोडऩा चाहिए। जल का महत्व समझना चाहिए। जल का दान करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। लोभ- लक्ष्मी जी को लोभ करने वाले लोग पसंद नहीं हैं। जो लोग दूसरों के धन का लोभ करते हैं, उन्हें लक्ष्मी जी छोड़कर चली जाती हैं। क्रोध और अहंकार- लक्ष्मी जी को क्रोध और अहंकार करने वाले लोग कतई पसंद नहीं हैं। आलस्य- आलसी व्यक्तियों को भी लक्ष्मी जी अपना आशीर्वाद नहीं देती हैं इसलिए आलस्य का त्याग करना चाहिए।

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