अमावस्या पर नदियों में स्नान और व्रत शुभ फलदायी || Vaibhav Vyas



अमावस्या पर नदियों में स्नान और व्रत शुभ फलदायी 

 अमावस्या पर नदियों में स्नान और व्रत शुभ फलदायी अमावस्या के दिन पवित्र नदी-संगम आदि पर स्नान करना और व्रत रखकर पूजा-आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होने वाली रहती है। माना जाता है कि इस दिन त्रिवेणी या गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप किसी तीर्थ स्थल पर जाने में असमर्थ है तो घर पर ही पानी में त्रिवेणी या गंगाजल मिलकर स्नान करके लाभ उठा सकते हैं। इस दिन स्नान के बाद तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला और कंबल का दान करने से जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है। मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए  पितृ तर्पण करने के लिए नदी या घर में स्नान करके सूर्य को अघ्र्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए।  इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। अमावस्या के दिन तामसिक चीजों से दूर रहें। अमावस्या के दिन नकारात्मक विचारों को अपने मन में न लाएं। अमावस्या के दिन घर पर आए किसी भी जरूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं।

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