अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व || Vaibhav Vyas


 
अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व

अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पितरों को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी जाती है। यह दिन पितरों और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। वैशाख अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को मनाई जाएगी।   धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैशाख अमावस्या तिथि पर पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से जातक को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होने के योग बन सकते हैं। अगर आप जीवन में लंबे समय से पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए वैशाख अमावस्या का दिन खास माना जाता है। इस दिन सुबह पवित्र दिन में स्नान करें। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितृ दोष दूर होता है। साथ ही जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वैशाख अमावस्या के दिन दान करना फलदायी साबित होता है। मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। ऐसे में वैशाख अमावस्या के दिन संध्याकाल में पीपल के पेड़ के पास तेल का दीपक जलाएं और पूजा अर्चना करें। इस दौरान जीवन सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है और धन लाभ के योग बनते हैं। वैशाख अमावस्या के दिन चावल, चीनी, दही और दूध समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सभी सुख मिलते हैं।

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