माघ में स्नान मात्र से ही कट जाते हैं पाप || Vaibhav Vyas



माघ में स्नान मात्र से ही कट जाते हैं पाप 

 माघ में स्नान मात्र से ही कट जाते हैं पाप हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ है। पौष पूर्णिमा तिथि के बाद माघ महीने की शुरूआत होती है। पौष मास की पूर्णिमा से ही माघ मास की स्नान का प्रारम्भ माना जाने लगता है। इस पूरे माह पवित्र नदी या संगम में स्नान मात्र से ही विष्णु भगवान का आशीर्वाद मिलता है और पापों से मुक्ति मिलने वाली रहती है। माघ माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। उनकी पूजा करने से आपको कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। माघ माह में यूपी के प्रयागराज में माघ मेला लगता है, जिसमें लोग कल्पवास करते हैं। माघ माह में गंगा स्नान करते हैं तो आपको मोक्ष मिलता है और साथ में भगवान विष्णु आप पर प्रसन्न होते हैं। यदि आप माघ माह में कुछ आसान उपाय कर लें तो आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। माघ माह का उपाय- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में आपको प्रयागराज के संगम पर जाना होगा। वहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती का के संगम में स्नान करना है। यह काम आपको पूरे माघ माह तक करना है, यानी माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर माघ पूर्णिमा तक। यदि आप ऐसा करने से सफल होते हैं तो आपकी धन, सुख, संतान, सौभाग्य और मोक्ष जैसी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संगम में स्नान के बाद आपको भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। माघ में स्नान मात्र से ही भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से पाप मिटता है और पुण्य प्राप्त होता है। इसके बारे में पद्म पुराण में वर्णन मिलता है। इतना ही नहीं, व्यक्ति के अंदर मृत्य का कोई भय नहीं रहता है, उसे अकाल मृत्यु का डर भी नहीं सताता है। कहा जाता है कि सागर मंथन से प्राप्त अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज में गंगा नदी में गिरी थीं। माघ में गंगा स्नान करने से मोक्ष मिलता है क्योंकि वह मोक्षदायिनी हैं। माघ में उनका जल अमृत के समान होता है।

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