पौष पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा
पौष पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा उपासना की जाती है। इस दिन गंगा स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा अर्चना भी करनी चाहिए। नए साल में सबसे पहले पौष पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा, जिससे सनातन धर्म के लोगों की खास आस्था जुड़ी है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, ये व्रत पौष माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। इस बार ये व्रत 13 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। पौष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, चंद्र देव और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही किसी पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंद लोगों को दान देना शुभ माना जाता है। ज्योतिष में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से पौष पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करता है, तो उसे देवी-देवताओं से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही परेशानियां कम हो जाती हैं। पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योगायाग में तीर्थ स्थान पर स्नान व दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होने वाली रहती है। साथ ही पूर्णिमा वाले दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन क्या करें- पौष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु को प्रणाम कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें और घर को शुद्ध करें। इसके बाद स्नान आदि करते स्वच्छ वस्त्र धारण करें। कोशिश करें की आप पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की उपासना करें और इसके बाद बहती जलधारा में काले तिल प्रवाहित करें। भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र भी अर्पित करें। साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और कामकाज करने में सक्षमता बढ़ती है।

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