सच्ची भावना से भोलेनाथ की पूजा से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण
सच्ची भावना से भोलेनाथ की पूजा से होंगी मनोकामनाएं पूर्ण हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार शनि प्रदोष व्रत 11 जनवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार इस दिन सच्ची भावना से भोलेनाथ की पूजा करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। जीवन के कष्टों का भी अंत हो जाता है। चूंकि यह दिन भोलेनाथ को समर्पित हैं। कहा जाता है कि आस्थावानों को इस दिन सच्ची पूजा के साथ व्रत रखना चाहिए। ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। भोले बाबा को भांग, धतूरा, वेप, वेल पत्र आदि चढ़ाएं। इनके साथ ही माता पार्वती की विधिवत पूजा करें और पार्वती चालीसा का पाठ करें। प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करें और वहां भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। पूजा में चंदन, लाल गुलाल, कपूर, बेल पत्र, धतूरा, गंगाजल, फल, धूप पूजन सामग्री को शामिल करें। प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय पूजा करें, क्योंकि यह समय शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाएं और उन्हें जरूरत की चीजें दान करें। सात्विक भोजन ग्रहण करें और तामसिक भोजन से परहेज करें। इस दिन किसी व्यक्ति के बारे में बुरा बोलने से बचें। कहते हैं कि ये तिथि शिव पूजा के लिए बहुत शुभ है इसलिए विधिवत शिव पूजन करें। विशेषकर प्रदोष वेला में भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ माता पार्वती और पुत्र गणेश जी की भी पूजा-आराधना करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलने वाला रहता है। प्रदोष वेला में शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करना और वहीं बैठकर शिव मंत्र और शिव चालीसा और शिव स्त्रोत का वाचन करने से जीवन में आ रही बाधाओं का शमन होने लगता है और धीरे-धीरे सुख-समृद्धि का वास होने लगता है।

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