अमावस्या पर उपायों से पाएं पितरों का आशीर्वाद
अमावस्या पर उपायों से पाएं पितरों का आशीर्वाद ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि यानी अमावस्या रहती है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं ऐसे में उनको प्रसन्न करने के लिए उपाय कर लिए जाएं तो जीवन की बाधाएं दूर होने वाली रहती है। अमावस्या के दिन आप पितृ दोष से मुक्ति और पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए आसान से उपाय करने मात्र से ही सहजता से दोष से मुक्ति पाने के साथ पितरों का आशीर्वाद भी मिलने वाला रहता है। पितृ दोष मुक्ति का उपाय- यदि आपको और आपके परिवार पर पितृ दोष लगा हुआ है तो अमावस्या के दिन श्रीमद् भागवत कथा सुनें। अपने घर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करें। इस कथा का श्रवण करने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। पितरों को मोक्ष मिलता है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जो पुण्य मिलता है, उससे पितृ और प्रेतों को मुक्ति मिल जाती है। यदि आप पितृ दोष से पीडि़त हैं तो श्रीमद् भागवत कथा जरूर सुनें। इस कथा के श्रवण मात्र से ही धुंधकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिल गई। ऐसे में अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण-वाचन करने मात्र से ही भगवान विष्णु की कृपा से दोषों से मुक्ति मिलने के साथ ही साथ मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। यदि आप पितृ पक्ष के समय में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करते हैं तो यह और भी अधिक प्रभावी होगा। आपके पितरों को मोक्ष मिलेगा और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी। नारायण की पूजा- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु यानी नारायण के आशीर्वाद से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि आपके पितरों को मोक्ष नहीं मिला है, उनको शांति की प्राप्ति नहीं हुई है तो आपको भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए। पूजा के पुण्य को अपने पितरों को समर्पित कर दें। नारायण की कृपा से आपके पितरों को मोक्ष मिल जाएगा और आप भी पितृ दोष से मुक्त हो जाएंगे। गंगा स्नान और दान-पुण्य करें- अमावस्या के दिन तीर्थ स्थान गंगा में स्नान करें और पितर तर्पण करने के साथ ही सामथ्र्य अनुसार दान-पुण्य करें, जिससे पितरों की आत्मा तृप्त होगी और आपके जीवन में चल रही बाधाओं का अंत होगा।

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