आषाढ़ माह में किए उपाय शीघ्र फलदायी || Vaibhav Vyas


 
आषाढ़ माह में किए उपाय शीघ्र फलदायी

आषाढ़ माह में किए उपाय शीघ्र फलदायी हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ कहलाता है। आषाढ़ के महीने में कई व्रत-त्योहार पड़ते हैं, जिनमें से देवशयनी एकादशी प्रमुख है। मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस महीने गुप्त नवरात्रि और जगन्नाथ रथयात्रा जैसे प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं। इस माह में इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। आषाढ़ माह से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व होता है। यह माह कामना पूर्ति के लिए भी खास होता है। इस माह कुछ उपायों को कर लिया जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं,जो साधक आषाढ़ मास में इन उपायों को करते हैं उनकी किस्मत चमक जाती है। आषाढ़ का महीना यज्ञ और धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए शुभ होता है। वर्ष के 12 महीनों में एकमात्र आषाढ़ का महीना ऐसा होता है, जिसमें यज्ञ कराने से उसके फल की शीघ्र प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन भी होता है। यदि आपको अपनी कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति को मजबूत करना है और साथ ही आर्थिक संकटों से मुक्ति पानी है, तो ऐसे में आषाढ़ मास में श्री हरि विष्णु, भोलेनाथ, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा अवश्य करें। आषाढ़ मास में इनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है।  आषाढ़ मास में सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और बिना कुछ खाए पिए स्नान करना चाहिए और उसके बाद सूर्यदेव को अघ्र्य देने के बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए। सूर्यदेव आरोग्य के देवता कहे जाते हैं और आषाढ़ माह उनकी उपासना करने से व्यक्ति कई तरह के शारीरिक कष्टों से दूर रहता है। आषाढ़ माह में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं इसलिए यह माह पूजा-पाठ के लिए और भी खास होता है। इस माह देवशयनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ पूर्णिमा, आषाढ़ अमावस्या और योगिनी एकादशी जैसे कई पुण्यदायी व्रत पड़ते हैं। इन त्योहारों पर पूजा पाठ करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होने वाली मानी गई है।  आषाढ़ महीने में स्नान के साथ ही दान का भी खास महत्व है। अपनी सामथ्र्य के अनुसार आषाढ़ मास में जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें। मान्यता है कि आषाढ़ माह में छाता, आंवला ,जूते-चप्पल और नमक आदि का दान करना सबसे उत्तम है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती और साधक का भाग्योदय भी होता है।

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