ज्येष्ठ माह के प्रमुख त्यौहार व व्रत
ज्येष्ठ माह के प्रमुख त्यौहार व व्रत हिंदी कैलेंडर का तीसरा माह ज्येष्ठ माह कहलाता है। वैशाख पूर्णिमा के समापन के बाद ज्येष्ठ का महीना शुरू होता है। ज्येष्ठ माह को आम बोलचाल की भाषा में जेठ भी कहते हैं। ज्येष्ठ माह में सूरत का ताप दिनों दिन बढ़ता जाता है, इसमें लोगों को सबसे अधिक गर्मी सहन करनी पड़ती है और लू लगने का खतरा रहता है। ज्येष्ठ माह का प्रारंभ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और समापन ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तिथि को होती है। ज्येष्ठ की प्रतिपदा से पूर्णिमा तक कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 मई को 07.22 पीएम से प्रारंभ होने वाली है। इस तिथि का समापन 24 मई को 07.24 पीएम पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरूआत 24 मई से होगी। ज्येष्ठ महीने का समापन 21 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन होगा। ज्येष्ठ माह 2024 के प्रमुख व्रत और त्योहार 24 मई, शुक्रवार ज्येष्ठ माह प्रारंभ, ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा तिथि 26 मई, रविवार एकदन्त संकष्टी चतुर्थी 2 जून, रविवार- अपरा एकादशी 3 जून, सोमवार- वैष्णव अपरा एकादशी 4 जून, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि 6 जून, गुरुवार ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, शनि जन्मोत्सव 10 जून, सोमवार विनायक चतुर्थी 14 जून, शुक्रवार धूमावती जयंती 15 जून, शनिवार मिथुन संक्रांति, महेश नवमी 16 जून, रविवार गंगा दशहरा 17 जून, सोमवार गायत्री जयंती 18 जून, मंगलवार निर्जला एकादशी 19 जून, बुधवार बुध प्रदोष व्रत 21 जून, शुक्रवार ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत 22 जून, शनिवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा। वट सावित्री व्रत 2024- ज्येष्ठ माह का सबसे महत्वपूर्ण व्रत वट सावित्री है, जो इस साल 6 जून गुरुवार के दिन है। वट सावित्री व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन देवी सावित्री और वट वृक्ष की पूजा करने का विधान है। शनि जयंती 2024- ज्येष्ठ माह का दूसरा सबसे बड़ा पर्व शनि जयंती है। शनि देव का जन्म वैशाख अमावस्या के दिन हुआ था, इसलिए इस तिथि को शनि जयंती मनाते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा करते हैं। शनि देव सूर्य देव और छाया की संतान है। इस साल शनि जयंती भी 6 जून को है।

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