ज्येष्ठ में जल दान से मिलता पितरों का आशीर्वाद || Vaibhav Vyas

ज्येष्ठ में जल दान से मिलता पितरों का आशीर्वाद 



ज्येष्ठ में जल दान से मिलता पितरों का आशीर्वाद हिंदू धर्म में हर एक महीने का कोई न कोई महत्व जरूर है, लेकिन ज्येष्ठ मास कई मायनों में खास माना जाता है। ज्येष्ठ महीने महीने में दान पुण्य के अलग ही मायने हैं। ज्येष्ठ महीने में गर्मी बहुत ज्यादा होती है। इस महीने सूर्य देव की तपिश से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और जानवर भी गर्मी से बेहाल होने लगते हैं,  ऐसे में कई ऐसी चीजें हैं जिनके दान से आपको पु्ण्य मिलेगा और भगवान खुश होंगे। जो लोग दूसरों का दुख-दर्द समझते हैं और और उनकी मदद करते हैं तो मां लक्ष्मी ऐसे लोगों पर अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं। इसीलिए ज्येष्ठ महीनें में इन चीजों का दान जरूर करें। ज्येष्ठ महीने में भीषण गर्मी पड़ती है। लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत पानी की पड़ती है। अगर आप राह चलते लोगों को पानी या शरबत पिलाते हैं तो भगवान के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है। गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी पशु-पक्षियों को झेलनी पड़ती है। वैसे तो बेजुबान जानवरों को पानी पिलाना हमेशा ही पुण्य का काम है, लेकिन तपते ज्येष्ठ महीने में अगर आप खुली जगहों पर पशु-पक्षियों के लिए पानी रखते हैं तो बहुत ही शुभ रहेगा। ज्येष्ठ महीने में ठंडी चीजें दान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। गरीबों को इस तरह की चीजें दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और दुख-कष्ट हर लेते हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में 15 दिन तक पक्षियों और जानवरों को पानी पिलाने से तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं। इसीलिए जगह-जगह पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। जो लोग इस महीने में पौधों को पानी देते हैं उनका सोया हुआ भाग्य फिर से जाग उठता है। पेड़-पौधों की तरह ही मनुष्य का जीवन भी खिलने लगता है। ज्येष्ठ महीना मंगल देव से संबंधित माना जाता है, इसीलिए इस महीने के बर मंगल को गुड़, छाता, जूता-चप्पल, कोटन के कपड़े और तिल का दान करना लाभकारी होता है।

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