पूर्णिमा पर विधि-विधान से किया गया कार्य देता शुभ फल || Vaibhav Vyas

पूर्णिमा पर विधि-विधान से किया गया कार्य देता शुभ फल 


पूर्णिमा पर विधि-विधान से किया गया कार्य देता शुभ फल यूं तो पूर्णिमा हर महीने आती है, लेकिन वैशाख पूर्णिमा जिसे हम बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं, ये साल में एक बार आती है। शास्त्रों में वैशाख माह का विशेष महात्म्य बताया गया है, जिसके चलते वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर हम कोई कार्य करते हैं और उसे सही विधि-विधान से करते हैं तो उससे हमें शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आज के दिन किया गया दान हमें कई सारे फल दिलाता है। - जिस दिन वैशाख पूर्णिमा हो उस दिन सुबह उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान कर लें और पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखें। रात्रि में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ चंद्र देव की पूजा करके उन्हें अर्पित करें। इसके बाद जल से भरा हुआ एक घड़ा जरूरतमंद को दान दें। पकवान का भी दान करें। -इस विशेष दिन यमराज को स्मरण करते हुए पानी से भरा हुआ घड़ा और तरह-तरह का स्वादिष्ट खाना दान करने से 100 गायें दान करने के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। -वैशाख पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी, गुड़ और तिल दान करने से मनचाहा फल मिलता है। -वैशाख पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान के मंदिर में तिल, देसी घी और शक्कर का दान करने से जातक की हर इच्छा पूरी होती है। -मान्यता है कि इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से कई जन्म के पाप और दोष मिट जाते हैं। -वैशाख पूर्णिमा के दिन यज्ञ में तिल और चीनी की आहुति देने से अच्छे और मंगल फल की प्राप्ति होती है। - वैशाख पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दूध मिश्रित जल भी चढ़ाएं। - वैशाख पूर्णिमा पर जरूरतमंद लोगों को रोजाना में प्रयोग आने वाली वस्तुओं का दान जरूर करें। इस दिन आप घड़े का दान कर सकते हैं। याद रखें कि घड़ा कभी खाली नहीं दान किया जाता है। इसमें शर्बत बनाकर भरें और फिर दान करें। इसके अलावा फल, पंखा, सूती वस्त्र, चप्पल और छतरी का दान करने से आपके जीवन में सुख शांति स्थापित होती है।

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