वैशाख में दान-पुण्य के साथ मंत्र जाप विशेष फलदायी
वैशाख में दान-पुण्य के साथ मंत्र जाप विशेष फलदायी हिंदू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के समाप्त होने के बाद दूसरा महीना वैशाख मास होता है। धार्मिक दृष्टि से इस महीने को भी विशेष माना गया है। ऐसा कहा जाता है इसका सीधा संबंध विशाखा नक्षत्र से है, जिस कारण इसे वैशाख माह के नाम से जाना जाता है। यह भगवान श्री हरि विष्णु जी और परशुराम जी की पूजा के लिए समर्पित है। पुराणों के अनुसार, इस मास में स्नान-दान करने से कई प्रकार के दुखों का निपटारा होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 24 अप्रैल दिन बुधवार सुबह 05 बजकर 18 मिनट से होगी। यह तिथि उस दिन पूर्ण रात्रि तक रहेगी। वहीं, इसका समापन 23 मई को होगा। जानकारी के लिए बता दें, वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 24 अप्रैल को होने की वजह से वैशाख माह की शुरुआत भी उस दिन से हो रही है। वैशाख माह में जरूर करें दान- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि वैशाख मास में जल पात्र, कपड़े, आम, जलदान, सत्तू, पादुका, हवा के लिए पंखे, छाया व्यवस्था, अन्न और फल आदि का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है व अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। वैशाख माह में गरीबों की मदद भी अवश्य करनी चाहिए। वैशाख माह में करें इन मंत्रों का जाप- ऊँ माधवाय नम: ऊँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नम:। इस मंत्र के जाप से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। ऊँ क्लीं कृष्णाय नम:। इस मंत्र के जाप से संतान प्राप्ति के योग बनेंगे। ऊँ नमो नारायणाय इस मंत्र के जाप से हर मनोकामना पूरी होगी।
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