वैशाख मास में स्नान, दान, जप व तप से मिलते शुभ फल || Vaibhav Vyas

वैशाख मास में स्नान, दान, जप व तप से मिलते शुभ फल


 वैशाख मास में स्नान, दान, जप व तप से मिलते शुभ फल हिंदू पंचांग के अनुसार, नववर्ष का दूसरा महीना वैशाख होता है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि वैशाख माह में स्नान, दान, जप, तप इत्यादि करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 24 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 18 से मिनट से होगी और इसका समापन 25 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर होगा। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 24 अप्रैल बुधवार को होगा। इसी दिन से वैशाख माह की शुरुआत होगी और इसका समापन 23 मई को होगा। वैशाख माह का महत्व- वैशाख माह श्री हरि की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस माह में स्नान-दान, जाप और तप करने से इंसान को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्र विशाखा नक्षत्र में होते हैं और इस नक्षत्र के स्वामी गुरु और देवता इंद्र हैं। इसलिए वैशाख माह में चंद्र देव की पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है। इन चीजों का करें दान- इस माह में दान करने का विशेष महत्व है। वैशाख माह में भगवान सूर्य और विष्णु जी की पूजा करने के बाद तिल जल में प्रवाहित करने से लाभ मिलेगा। इसके अलावा आम का भी दान कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। वैशाख माह में सत्तू का भी दान कर सकते हैं। क्योंकि सत्तू का संबंध ग्रहों के राजा सूर्य और गुरुदेव बृहस्पति से माना गया है। वैशाख में सत्तू का दान करने से सूर्य और गुरुदेव बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।

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