पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा || Vaibhav Vyas

पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा  


पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा चैत्र पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी सभी कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इसलिए चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा पड़ती है। इसे चैत्र पूर्णिमा और चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्र देव को और अघ्र्य देकर उनकी पूजा की जाती है। चैत्र माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इस दिन स्नान का मुहूर्त 23 तारीख को पूरे दिन से लेकर अगले दिन सुबह पांच बजकर चार मिनट तक रहेगा। चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके साथ ही इस दिन कनकधारा स्तोत्र और मंत्रों का जाप करना चाहिए। अंत में आरती करें और फल, खीर, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इसके बाद ब्राह्मण या गरीबों को श्रद्धा अनुसार दान अवश्य दें। इस दिन यथासंभव भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। विशेषकर- ऊँ नमो: नारायणाय।। ऊँ नमो: भगवते वासुदेवाय।। ऊँ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।। शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्। विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिध्र्यानगम्यम्। वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्।।

Comments