मां की उपासना से पाएं सकारात्मकता शक्ति || Vaibhav Vyas

मां की उपासना से पाएं सकारात्मकता शक्ति


 मां की उपासना से पाएं सकारात्मकता शक्ति का तात्पर्य ऊर्जा से होता है। मान्यता भी है कि ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग मुश्किल से मुश्किल बाधाओं से भी पार पाने में सक्षम बनाने वाली होती है और इस ऊर्जा को पाने का सही मौका है नवरात्रि पर्व। क्योंकि इस दौरान ही विशेषकर मां दुर्गा की शक्ति के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ऊर्जा का भंडार है और उनकी पूजा करने से भक्त को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा के कुल नौ स्वरूप हैं। ये सभी रूप अपने अंदर ऊर्जा यानी कि शक्ति को समेटे हुए हैं। शक्ति साधना में मुख्य रूप से नौ देवियों की साधना, तीन महादेवियों की साधना और दश महाविद्या की साधना आदि का विशेष महत्व है। कहते हैं कि नवरात्रि में मां के इन नौ शक्ति रूपों की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इससे भक्त के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। नवरात्र में चारों ओर मां दुर्गा का जयकारा गूंजता हुआ नजर आ रहा है। भक्त माता की भक्ति में खोए हुए मालूम पड़ते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।  मान्यता है कि शक्ति पूजन के बिना कोई भी देव पूजा अधूरी मानी जाती है। श्रीयंत्र पूजा शक्ति साधना का एक बड़ा ही प्रखर रूप माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि शक्ति के बिना शिव शव हैं। इससे शक्ति की महत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। योगबल विद्या में भी शक्ति का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि शक्ति के बिना योग की सिद्धि प्राप्ति नहीं की जा सकती है। नवरात्र में शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की पूजा बड़ी ही शुभ मानी गई है। इससे भक्तों में ऊर्जा यानी कि शक्ति का संचार होता है। जो जीवन में कठिन-से-कठिन समस्याओं से मुक्ति दिलाकर जीवन को सुगम बनाने वाली होती है। वैसे तो इन दिनों में मां के किसी भी मंत्र का जाप विशेष फलदायी रहता ही है, फिर भी किसी भी पाठ या मंत्र की साधना भक्ति और आस्था से की जाए तो भक्त के मन में शक्ति का संचार अवश्य होता ही है। ऐसे में इस मंत्र की प्रतिदिन नियमित माला जाप विशेष फलदायी रहता है। या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ अर्थात् जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारम्बार नमस्कार है।

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