पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और चन्द्रमा की पूजा से मिलता आशीर्वाद || Vaibhav Vyas

पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और चन्द्रमा की पूजा से मिलता आशीर्वाद 


पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और चन्द्रमा की पूजा से मिलता आशीर्वाद हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा दिवस या पूर्णिमा को अत्यधिक शुभ और भाग्यशाली दिन माना जाता है। यह पूरे देश में पूनम, पूर्णिमा और पूर्णमासी जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है। भक्त आमतौर पर इस विशेष दिन उपवास रखते हैं और चंद्रमा और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हिन्दू पंचाग में फाल्गुन माह सबसे आखिरी माना जाता है। उसी प्रकार फाल्गुन पूर्णिमा साल की अंतिम तिथि होती है, जो शुक्ल पक्ष मे मनाई जाती है व आखिरी दिन भी। होलिका दहन भी इसी दिन किया जाता है जो हिन्दुओं के बड़े त्योहारों में से एक है। कहा जाता है कि वसंत ऋतु और पूर्णिमा का इस दिन संयोग होता है। वसंत ऋतु का आगमन भी इसी दिन से होता है। इसलिये इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह पर्व धार्मिक रूप से बहुत महत्व रखता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपना प्रभाव विशेष रखता है। यह दिन बहुत सौभाग्यशाली भी माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व- हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को अंतिम पूर्णिमा माना जाता है, जिस दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, विभिन्न स्थानों पर, लोग लक्ष्मी जयंती भी मनाते हैं, जो कि बहुतायत और धन की देवी लक्ष्मी की जयंती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो लोग फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और इस दिन भगवान विष्णु और भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं, उन्हें देवता का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उन्हें अपने वर्तमान और पिछले पापों से भी छुटकारा मिलता है। फाल्गुनी पूर्णिमा व्रत करने की विधि- इस व्रत को करने के लिये सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए।  व्रत करने वाले व्यक्ति को अन्न नहीं खाना चाहिए।  सुबह सूर्य उदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखें।  उसके पश्चात उपवास खोलें।   व्रत वाले दिन किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस ना पहुचाएं, मन सकारात्मक रखें। इस महत्वपूर्ण दिवस पर भगवान विष्णु की पूजा कराने से सारे संकट दूर हो जाते हैं

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