विनायक चतुर्थी व्रत से मिलता गणेश जी का आशीर्वाद || Vaibhav Vyas

 विनायक चतुर्थी व्रत से मिलता गणेश जी का आशीर्वाद 


विनायक चतुर्थी व्रत से मिलता गणेश जी का आशीर्वाद विनायक चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। ये व्रत करके भक्त भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं की कामना करते हैं। हिन्दू पंचाग के अनुसार ये व्रत हर माह की अमावस्या के चौथे दिन (शुक्ल पक्ष की चतुर्थी) को किया जाता है। गणपति जी को हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। वे सारे संकट हर लेते हैं। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग गणेश जी की पूजा कर धैर्य और बुद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। विनायक चतुर्थी की पूजा कैसे करें - सुबह शुद्ध पानी से नहाकर साफ कपड़े पहनें। - हिन्दू कैलेंडर के अनुसार विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करनी चहिए। - भगवान गणेश की पूजा तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन चढ़ाकर करें। उसके बाद गणेश की कथा का पाठ करें। - भगवान गणेश का वंदन और मंत्रों का जाप करें। - संध्याकाल गणेश जी की पूजा के बाद, चांद को अघ्र्य देकर पूजा संपन्न करें। विनायक चतुर्थी व्रत में क्या खाएं? विनायक चतुर्थी का व्रत काफी कठिन होता है। इसमें किसी प्रकार के अनाज का सेवन ना करें। विनायक चतुर्थी के दिन फल, कंद-मूल खाया जा सकता है। शाम को चन्द्रमा के दर्शन कर अघ्र्य देने के बाद आप उपवास तोड़ सकते हैं। इस व्रत को तोडऩे के बाद शाम को आप साबूदाने की खिचड़ी, आलू और मूंगफली खा सकते हैं। विनायक चतुर्थी के लिए गणेश मंत्र- ऊँ गं गणपतये नम: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। ऊँ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

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