प्रदोष व्रत से होता पापों का प्रायश्चित || Vaibhav Vyas


प्रदोष व्रत से होता पापों का प्रायश्चित  

प्रदोष व्रत से होता पापों का प्रायश्चित हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस तिथि के अनुसार जो वार उस दिन होता है, प्रदोष व्रत उसी के नाम से जाना जाता है। जैसे माघ माह में कृष्ण पक्ष में इस बार बुधवार को है इसी वजह से इसे बुध प्रदोष कहा जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव यानी कि भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन शिव की आराधना करने से पापों का प्रायश्चित होता है औस सारे कष्ट दूर होते हैं। कुशाग्र बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए कुंडली में बुध और गुरु, सूर्य का शुभ और बलवान  होना जरूरी होता है। बुध प्रदोष व्रत के प्रताप ये तीनों ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं। इस साल माघ महीने में बुध प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। माघ महीने और फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी 2024 को है। इस दिन बुधवार होने से ये बुध प्रदोष व्रत होगा। त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस व्रत करने से संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट भी दूर होते हैं। पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 फरवरी 2024 को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 8 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत वाले दिन पूजा का विधान भी प्रदोष वेला में करने का विशेष महत्व है। बुध प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा के लिए साधक को 2 घंटे 36 मिनट का समय मिलेगा। इस दिन शाम 06.50 मिनट से रात 08.41 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। बुध प्रदोष व्रत महत्व- बुधवार के दिन को आने वाले प्रदोष को सौम्यवारा प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। अपने बच्चों की बुद्धि के लिए बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह और शाम के समय भगवान गणेश के सामने हरी इलायची अर्पित करें और 27 बार ऊँ बुद्धिप्रदाये नम: मन्त्र का सुबह शाम जाप करें तथा प्रसाद के रूप में इलायची खाएं। प्रदोष व्रत वाले दिन शिव परिवार की प्रदोष वेला में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूजा के पश्चात शिव जी के स्त्रोत या मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। प्रदोष व्रत करने वालों को इससे संबंधित कथा का श्रवण-वाचन अवश्य करना चाहिए, जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होने वाला रहता है।

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