सफला एकादशी व्रत से मिलती जीवन में सफलता || Vaibhav Vyas


सफला एकादशी व्रत से मिलती जीवन में सफलता  

सफला एकादशी व्रत से मिलती जीवन में सफलता हर माह में एकादशी के दो व्रत होते हैं। एकादशी के व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है इसलिए इसे सफला एकादशी कहा जाता है। यह इस साल की पहली एकादशी होगी। पंचाग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 7 जनवरी को दिन में 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 जनवरी को 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी, रविवार के दिन रखा जाएगा। पूजा मुहूर्त और योग- 7 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से रात 10 बजकर 3 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। भगवान विष्णु की पूजा इस योग में करना शुभ होगा। व्रत का पारण 8 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट के बीच किया जा सकता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना विधि-विधान से करने के साथ-साथ इस दिन विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी रहता है। इस दिन इस मंत्र विशेष का जाप करना चाहिए। त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।। सफला एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु को पीले वस्त्र जरूर अर्पित करें। पूजा में हल्दी, चंदन, दीप, धूप का उपोग करें। प्रसाद में तुलसी की पत्तियां चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है और प्रभु को दूध से बनी खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। सफला एकादशी का महत्व- मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से कार्यों में सफलता मिलती है, जीवन के दुखों से छुटकारा मिलता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनचाही मनोकामना पूरी होती है। मान्यतानुसार व्रत के दिन सफला एकादशी की कथा सुनने से पूजा सफल होती है।

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