संकट हरती संकट चतुर्थी || Vaibhav Vyas


 संकट हरती संकट चतुर्थी  

संकट हरती संकट चतुर्थी माघ मास की चतुर्थी तिथि के दिन संकट चौथ का व्रत रखा जाता है। संकट चतुर्थी का व्रत इस साल 29 जनवरी को रखा जाएगा। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती है। यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है। क्योंकि, यह निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम के समय चांद को देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। साल 2024 की माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 29 जनवरी को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से आरंभ हो जाएगा और अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि में चतुर्थी तिथि 29 तारीख में होने से व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा। संकट चतुर्थी पूजा विधि- संकट चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान करने के बाद भगवान गणेश का ध्यान करें और उनका पूजन करें इसी के साथ व्रत का संकल्प लें। इसके बाद सूर्यास्त के बाद स्नान आदि करके स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद गणेशजी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भरकर रखें। फिर धूप, दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, फल और घी भगवान को अर्पित करें। अंत में भगवान गणेश की आरती करें और फिर चंद्रमा को अघ्र्य देकर अपना व्रत खोलें। संकट चतुर्थी का महत्व- ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने से सभी कष्टों का नाश होता है। संकट चतुर्थी का अर्थ है कि संकट को हरने वाली चतुर्थी। इस व्रत को करने से संकट से मुक्ति तो मिलती है साथ ही आर्थिक लाभ भी व्यक्ति को मिलता है। इतना ही नहीं घर में नकारात्मक प्रभाव दूर होता है और परिवार में सुख शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी के आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी विपदा मिट जाती हैं।

Comments