संतान सुख प्राप्ति क्यों जरूरी? || Vaibhav Vyas


संतान सुख प्राप्ति क्यों जरूरी?  

संतान सुख प्राप्ति क्यों जरूरी? ज्योतिष शास्त्र में कुल 112 प्रकार के नरक बताए गए हैं, जिनमें से पूम नामक नरक से बचने के लिए संतान का होना बेहद जरूरी बताया गया है जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितर दोष होता है, या फिर बृहस्पति ग्रह नीच राशि में होता है उन्हें संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है। वहीं जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती उनके द्वारा कई धार्मिक स्थलों पर जाकर मन्नत मांगी जाती है। पूम नामक नरक से बचाने के साथ-साथ संतान होने से बहुत से फायदे बताए गए हैं। जैसे वंशावली को आगे बढ़ाना, सुख दुख में साथ देना और जीवन के कई ऐसे मोड़ पर जहां हमें अपनी संतान की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उनको संतान पूरा करने के लिए होते हैं। संतान सुख प्राप्ति करने के लिए जहां कई लोग तरह-तरह के उपाय करते है, तो वही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसके योग बनना जरूरी होता है। संतान सुख हो और समय से हो यह कामना सभी लोगों के मन में होती है। संतान पाने के लिए लोग कई धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, तो कई लोग धार्मिक स्थलों पर जाकर संतान पाने के लिए मन्नतें मांगते हैं। ऐसे में मोक्ष पाने के लिए संतान का होना जरूरी बताया गया है। इस दुनिया से चले जाने के बाद संतान ही कपाल क्रिया कर उन्हें मोक्ष देता है। ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार व्यक्ति के जीवन में कुल 112 प्रकार के नरक बताए गए हैं, जिनमें से पूम नामक नरक से बचाने के लिए पुत्र की प्राप्ति के बाद ही बचा जा सकता है। जिनके पुत्र नहीं होता है उनके द्वारा बृहस्पति वार का नियमित रूप से श्रद्धा भक्ति भाव से व्रत करना चाहिए। वहीं साल में आने वाली पुत्रदा एकादशी के दिन उन लोगो को व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना करने से उन्हें पुत्र की प्रप्ति होती है। संतान सुख पाने के लिए सूर्य देव की उपासना और नियमित रूप से पूजा-पाठ आदि करने से भी पुत्र की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता बताई जाती है। आखिर किस वजह से संतान सुख नहीं मिलता उन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष होता है, या फिर बृहस्पति ग्रह नीच राशि में होता है उन्हें संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है। यदि आपकी कुंडली में भी यह दोष है तो भगवान विष्णु की नियमित रूप से पूजा अर्चना और केले के पेड़ को सींचने से सभी उत्पन्न बाधाएं खत्म हो जाती हैं। संतान सुख की प्राप्ति के लिए बृहस्पतिवार को नियमित रूप से बीज मंत्र का जाप करने से यह दोष दूर होने की धार्मिक मान्यता बताई गई है। बृहस्पति वार को ऊँ ग्रीम ग्राम ग्रोम स: गुरुवे नम: का जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु के निमित ऊँ विष्णवे नम: का जाप करने से भी संतान सुख की प्राप्ति होती है। बृहस्पतिवार को हल्दी का टीका लगाने और केले के वृक्ष की जड़ में पानी डालने से काफी लाभ होता है। वही व्यक्ति को अपने पूर्वजों, इष्ट देवता के निमित्त पूजा पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इन सभी बातों का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी लिखा हुआ है। यदि आप संतान सुख चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से बृहस्पतिवार को केले के पेड़ की जड़ में जल डालने, गुरु बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करने, अपने इष्ट देवता, कुलदेवता के निमित्त पूजा पाठ करने और भगवान विष्णु के निमित्त पूजा पाठ दान आदि करने से संतान सुख की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता बताई गई है।

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