हल्दी के प्रयोग से करें नकारात्मकता दूर || Vaibhav Vyas


हल्दी के प्रयोग से करें नकारात्मकता दूर 

हल्दी के प्रयोग से करें नकारात्मकता दूर हल्दी जहां स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी गई है, वहीं इसके कुछ प्रयोग नकारात्मकता दूर कर सकारात्मकता लाने में भी सक्षम माने गए हैं। हल्दी के कुछ प्रयोगों से स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ धनवृद्धि के भी उपाय अपनाकर धनवान बना जा सकता है। गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है। काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, रक्त चन्दन और मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति  में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्या द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नजऱ, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे । काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तंत्र शास्त्र में हरिद्रा तंत्र में चर्चा की गयी है । कहते हैं, इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य की वर्षा करती हैं । हरिद्रा यानी काली हल्दी खाने के काम में नहीं आती, पर चोट लगने और दूसरे औषधीय गुणों में इसे महत्व दिया जाता है । यदि किसी को इस काली हल्दी की गांठ प्राप्त हो, तो उसे पूजा घर में रख दें । मान्यता है कि यह जहां भी होती है, सहज ही वहां श्री-समृद्धि का आगमन होने लगता है । हरिद्रा तंत्र को नए कपड़े में अक्षत और चांदी के टुकड़े अथवा किसी सिक्के के साथ रखकर गांठ बांध दें । और धूप-दीप से पूजा करके गल्ले या बक्से में रख दें, तो आश्चर्यजनक आर्थिक लाभ होने लगता है । लेकिन इसको घर में रखने से पहले अभिमंत्रित भी कर लें, तभी इसका विशेष प्रभाव दिखता है । हरिद्रा तंत्र के लिए साधना विधि महीने की किसी भी अष्टमी से इस पूजा को शुरू कर सकते हैं । इस दिन प्रात: उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं । तत्पश्चात् काली हल्दी की गांठ को धूप-दीप देकर नमस्कार करें । फिर उगते हुए सूर्यको नमस्कार करें और 108 बार ''ऊँ ह्रीं सूर्याय नम मंत्र का जाप करे।' इसके बाद स्थापित काली हल्दी की पूजा करें । पूरे दिन व्रत रखें और फलाहार करें । यथाशक्ति दान-पुण्य भी करें । हरिद्रा तंत्र की साधना में यह तथ्य स्मरण रखना चाहिए कि इसके साधक के लिए मूली, गाजर और जिमींकंद का प्रयोग वर्जित है । इस प्रयोग को विधिपूर्वक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं । घर में बरकत होती है। चंदन की भाँति काली हल्दी का तिलक लगाएँ । यदि अपनी कनिष्ठा उँगली का रक्त भी मिला दिया जाए तो प्रभाव में वृद्धि होगी । यह तिलक लगाने वाला सबका प्यारा होता है । सामने वाले को आकर्षित करता है। काली हल्दी रोली तुलसी की मंजरी को समरूप आंवले के रस में पीस कर जिसके भी सम्मुख जायेंगे वो स्वत: आपके अनुरूप कार्य करेगा। काली हल्दी, श्वेतार्क मूल, श्वेत चन्दन, गोरोचन, पान और हरसिंगार की जड़ पीस कर एक चाँदी की डिब्बी में लेप बनाकर रख लें । जिसे वश में करना हो उसके सम्मुख आने से पूर्व इसका तिलक धारण कर लें। इस प्रकार कि तिलक लगाने के बाद आपको सर्व प्रथम देखे।

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