हनुमान जी की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


हनुमान जी की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति 

हनुमान जी की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति हनुमान जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता पाने हेतु मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। इससे कुंडली में मंगल बली होता है। कुंडली में मंगल मजबूत होने से सरकारी नौकरी के भी प्रबल योग बनते है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही साधक मनोकामना पूर्ति हेतु हनुमान जी के निमित्त व्रत रखते हैं। इच्छित वर पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन इस विधि से हनुमान जी की पूजा करें। 

पूजा विधि- मंगलवार के दिन ब्रह्म बेला में उठकर हनुमान जी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसमें हथेली में जल लेकर ऊँ केशवाय नम:, ऊँ नाराणाय नम:, ऊँ माधवाय नम:, ऊँ हृषीकेशाय नम: मंत्र का उच्चारण करें। 
अंत में ऊँ गोविंदाय नम: मंत्र उच्चारण कर हाथ धो लें। इसके पश्चात, लाल रंग का वस्त्र धारण करें। अब जल में लाल रंग मिलाकर भगवान सूर्य को अघ्र्य दें। इस समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात, हनुमान जी की पूजा विधि विधान से करें। 

सिन्दूर अर्पित के समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें- 

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्। 
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो।। 

पुष्पमाला अर्पण मंत्र- 

नीलोत्पलै: कोकनदै: कह्लारै: कमलैरपि। 
कुमुदै: पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर।। 

पंचामृत अर्पण मंत्र- 

मध्वाज्य क्षीर दधिभि: सगुडैर्मन्त्रसन्युतै:। 
पन्चामृतै: पृथक् स्नानै: सिन्चामि त्वां कपीश्वर ।। 

अघ्र्य अर्पण मंत्र- 

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव। 
दास्यामि ते अन्जनीपुत्र 7 स्वमघ्र्यं रत्नसंयुतम् ।। 

फल अर्पण मंत्र- 

फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् । 
समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक।। 

क्षमा याचना मंत्र- 

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर। 
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे।। 

हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर आदि चीजों से करें। इस समय हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। अगर समय है, तो सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करें। पूजा में हनुमान जी को सिंदूर जरूर अर्पित करें। इस प्रकार हनुमान जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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