मार्गशीर्ष मास में राम-कृष्ण की पूजा-आराधना || Vaibhav Vyas


मार्गशीर्ष मास में राम-कृष्ण की पूजा-आराधना 

मार्गशीर्ष मास में राम-कृष्ण की पूजा-आराधना शुभ फलदायी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह में पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार का अधिक महत्व माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पूरा माह पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार और शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। यह महीना भगवान राम और श्री कृष्ण की पूजा-अराधना के लिए शुभ फलदायी होता है। इसलिए इस महिने में कई कार्यों को नहीं करना चाहिए, इन्हें शुभ नहीं माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में भूलकर भी ना करें ये कार्य - मार्गशीर्ष माह में पडऩे वाली सप्तमी और अष्टमी को मास शून्य तिथियां कहा गया है। इसलिए कोशिश करें के इन तिथियों में कोई भी मांगलिक कार्य न करें। - मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए। यह वर्जित माना जाता है। - मार्गशीर्ष माह में सात्विक भोजन करें, तामसिक भोजन या मांसाहार भोजन से दूर रहें। - इस महीने में शाम के समय पूजा-उपासना करें। शुभ परिणाम मिलते हैं। - मार्गशीर्ष माह में संध्याकाल में तुलसी जी के पास दीपक जरुर लगाएं। मार्गशीर्ष माह में करें ये काम - मार्गशीर्ष माह में किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर स्नान करना संभव नहीं है तो घर पर ही पानी की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान करें। - मार्गशीर्ष माह में पडऩे वाले हर गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इस महीने मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं। जिस घर में पूजा-पाठ होती हैं वहां निवास करती हैं। - मार्गशीर्ष का महीना श्रीकृष्ण की उपासना के लिए खास माना जाता है। इस महीने में श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना शुभ माना जाता है। - मार्गशीर्ष माह में दान-दक्षिणा करना चाहिए। इससे पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

Comments