पूर्णिमा व्रत से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 पूर्णिमा व्रत से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति 

पूर्णिमा व्रत से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। हर मास में पूर्णिमा तिथि के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन आती है। वहीं मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि साल 2023 की अंतिम पूर्णिमा है। इस बार मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि दिनांक 26 दिसंबर को है। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा का विशेष विधान है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं। वहीं इस साल पूर्णिमा के दिन कई शुभ संयोग का निर्माण होने जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व- हर माह में पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान विशेष रूप से की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मोक्षदायिनी पूर्णिमा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से 32 गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन रात्रि में चंद्रोदय होने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूजन करने से व्यक्ति को चंद्रदोष (चंद्रदोष उपाय)  से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है और ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा और उपासना करने से जातक को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। जानें स्नान-दान का समय- 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान ब्रह्म मुहूर्त से ही प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त उपाय) सुबह 05.22 मिनट से लेकर सुबह 06.17 मिनट तक है। इस समय के अलावा सुबह 09 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट के मध्य में आप स्नान, दान और पूजा-पाठ कर सकते हैं। स्नान-दान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर विधि-विधान से श्री विष्णु हरि और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने वाली रहती है।

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