मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर उपायों से पाएं सुख-समृद्धि || Vaibhav Vyas


 मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर उपायों से पाएं सुख-समृद्धि 

 मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर उपायों से पाएं सुख-समृद्धि वैसे तो हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व बताया है लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा का अपना विशेष स्थान है। क्योंकि मार्गशीर्ष माह को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस माह की महिमा खुद भगवान श्रीकृष्ण ने की है और गीता में कहा है कि मैं ही महीनों में मार्गशीर्ष हूं। इसलिए इस मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बहुत ही पुण्यदायी मानी गई है। साल की इस आखिरी पूर्णिमा पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। शास्त्रों में इस दिन का लाभ उठाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनके करने से आने वाले साल में मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और जीवन में समृद्धि भी आएगी। इतना ही नहीं मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह घर की साफ-सफाई करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और मुख्य द्वार पर आम के पत्तों या अशोक पत्तों का तोरण लगाएं। इसके बाद घर की दहलीज पर हल्दी व कुमकुम लगाएं और मुख्य द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर अक्षत की छींटे लगाएं। फिर घी का दीपक जलाएं और दहलीज को प्रणाम करें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और धन वैभव में वृद्धि होती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जप तप व दान का विशेष महत्व है। बताया जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्य का फल बाकी पूर्णिमा के मुकाबले 32 गुना ज्यादा मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को तिल, कंबल, गुड़, घी, फल, अन्न आदि चीजों का दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पूर्णिमा के दिन विष्णु सहस्त्रनाम, भगवद्गीता और गजेंद्र मोक्ष का पाठ अवश्य करना चाहिए। शास्त्रों में पूर्णिमा के दिन इन तीनों का पावन पाठ करने की बहुत महिमा बताई है। ऐसा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और परिवार में प्रेम भाव बना रहता है। साथ ही घर या आपके आसपास मौजूद नकारात्मक शक्ति खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Comments