ललाट पर तिलक लगाने से आत्मबल में बढ़ोतरी || Vaibhav Vyas


ललाट पर तिलक लगाने से आत्मबल में बढ़ोतरी  

ललाट पर तिलक लगाने से आत्मबल में बढ़ोतरी हिन्दू धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि तिलक धारण किया जाता है तो सभी पाप नष्ट हो जाते है। सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव और अन्य मतों के अलग-अलग तिलक होते हैं। ललाट अर्थात माथे पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाई जाती हैं उसे त्रिपुंड कहते हैं। भस्म या चंदन को हाथों की बीच की तीन अंगुलियों से लेकर सावधानीपूर्वक माथे पर तीन तिरछी रेखाओं जैसा आकार दिया जाता है। शैव संप्रदाय के लोग इसे धारण करते हैं। यह बात अब केवल धर्म ग्रंथों या विश्वास की नहीं रही बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इसके फायदों को मानने लगा है। तिलक लगाने के लाभ- तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है। ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं साथ ही यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है। तिलक लगाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। विज्ञान की मानें तो तिलक से दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है। इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है। हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रीरियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की भी शांति होती है। चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी के साथ निर्भयता रहती है। तिलक लगाने का मन्त्र- केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम । पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् । ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।

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