आदि-व्याधि से निजात के लिए करें हनुमान बाहुक पाठ || Vaibhav Vyas


आदि-व्याधि से निजात के लिए करें हनुमान बाहुक पाठ  

आदि-व्याधि से निजात के लिए करें हनुमान बाहुक पाठ महाबली हनुमान भक्ति और शक्ति के अद्भुत प्रतीक हैं। हनुमान सरल भक्ति और प्रेम से प्रसन्न होते हैं। इन्होंने ही लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी। हनुमान जी के विशेष मन्त्र और स्तुतियों के पाठ से सेहत उत्तम हो सकती है। अगर विशेष तरीके से हनुमान बाहुक का पाठ किया जाय तो हर बीमारी से निजात पाई जा सकती है। इसके लिए हनुमान जी की आशीर्वाद मुद्रा के चित्र या प्रतिमा की स्थापना करें साथ में प्रभु श्री राम की प्रतिमा की भी स्थापना जरूर करें। उनके सामने घी का दीपक जलाएं और एक पात्र में जल भरकर रखें। इसके अलावा रात्रि को पूजा करते समय सरसों तेल का दीपक और गुड़-चना का प्रसाद भोग लगाएं। पहले श्री राम की स्तुति करें और फिर हनुमान जी का ध्यान करें। इसके बाद हनुमान बाहुक का पाठ करें। पाठ के बाद पात्र का थोड़ा सा जल रोगी को पिला दें, बाकी बचा हुआ जल शरीर के रोगग्रस्त हिस्से पर लगाएं। हनुमान बाहुक के पाठ की शुरुआत मंगलवार से करें। हनुमान बाहुक पाठ से मंगल से संबंधित समस्याओं का भी निवारण हो जाता है। एक बार गोस्वामी तुलसीदासजी बहुत बीमार हो गये। भुजाओं में वात-व्याधि की गहरी पीड़ा और फोड़े-फुंसियों के कारण उनका शरीर वेदना का स्थान-सा बन गया था। उन्होंने औषधि, यन्त्र, मन्त्र, टोटके आदि अनेक उपाय किये, किन्तु यह रोग घटने के बदले दिनों दिन बढ़ता ही जाता था। असहनीय कष्टों से हताश होकर अन्त में उसकी निवृत्ति के लिये गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमानजी की वन्दना आरम्भ की जो कि 44 पद्यों के हनुमान बाहुक नामक प्रसिद्ध स्तोत्र के रूप में प्रचलित है। इसी स्तोत्र के द्वारा हनुमान जी की वंदना करके गोस्वामी तुलसीदास ने अपने सारी कष्टों से छुटकारा पाया था। अंजनीकुमार की कृपा से उनकी सारी व्यथा नष्ट हो गयी। अगर रोज पाठ करना संभव न हो तो सिर्फ मंगलवार को भी हनुमान बाहुक का पाठ कर सकते हैं। हनुमान बाहुक का पाठ करने से इच्छा शक्ति बढ़ती है, जिससे आप हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। जिस घर में हनुमान बाहुक का पाठ होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं टिक पाती। धन, संतान, नौकरी, बीमारी आदि सभी समस्याओं का समाधान हनुमान बाहुक का पाठ करने से हो सकता है। हनुमान बाहुक का पाठ करने से जीवन के सभी सुख मिल सकते हैं। इसके अलावा हनुमानजी की कृपा पाने के लिए धर्म ग्रंथों में हनुमानजी के 12 नाम बताए गए हैं, जिनके द्वारा उनकी स्तुति की जाती है। हनुमानजी के इन 12 नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने से पहले पाठ करता है, उसके सभी भय दूर हो जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं। वह अपने जीवन में अनेक उपलब्धियां प्राप्त करता है। हनुमानजी की 12 नामों वाली स्तुति- स्तुति हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।। उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।। एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:। स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत। तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।। हनुमान जी के इन 12 नामो की महिमा धर्म ग्रंथों में भी गाई गई है। हनुमान जी की उपासना का प्रभाव वैसा ही है जैसे 'प्रत्यश्रं किम् प्रमाणम्' यानि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। आप चाहें तो आजमा कर देख लें।

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