कार्तिक पूर्णिमा पर करें स्नान-ध्यान और दान-पुण्य || Vaibhav Vyas


कार्तिक पूर्णिमा पर करें स्नान-ध्यान और दान-पुण्य 

कार्तिक पूर्णिमा पर करें स्नान-ध्यान और दान-पुण्य हिंदू धर्म में हर पूर्णिमा का काफी महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रिय होती है। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है साथ ही इस दिन काशी में देव दिवाली मनाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ कार्यों को जरूर करना चाहिए। स्नान और दान- कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए संभव नहीं हो तो फिर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। इसी के साथ पूर्णिमा पर क्षमतानुसार अन्न-वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। पूर्णिमा तिथि पर चावलों का दान करना बहुत ही श्रेयष्कर माना जाता है। तुलसी पूजन- पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का जाती है और भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है, इसलिए पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का आगमन होता है। दीपदान- कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन देव दीपावली भी होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी नदी या सरोवर के किनारे दीपदान अवश्य करना चाहिए। यदि नदी या सरोवर पर नहीं जा सकते तो आसपास के देवस्थान पर जाकर दीपदान करना चाहिए। व्रत-पूजा अर्चना- कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करना विशेष फलदायी माना गया। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के पश्चात उन्हें खीर का भोग लगाना चाहिए। साथ ही यथासंभव जरूरतमंदों की मदद या उन्हें भोजन कराना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर की गई पूजा-उपासना से सुख-समृद्धि का स्थायी वास होना माना गया है साथ ही मानसिक संतुष्टि भी मिलने वाली रहती है। लक्ष्मी नारायण की पूजा- पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहिए व चंद्रमा दर्शन करने के साथ ही अघ्र्य भी देना चाहिए. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर व्रत करने से सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।

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