कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से मिलेगा आशीर्वाद || Vaibhav Vyas


कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से मिलेगा आशीर्वाद 

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान से मिलेगा आशीर्वाद कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस खास दिन पर लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी। इस व्रत को करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। इस दिन गंगा स्नान का भी बेहद महत्व है। इस दिन धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के अलावा जरूरतमंद लोगों को दान करना शुभ फलदायी माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करना अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  वहीं इस दिन वस्त्र, अन्न, धन और दान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। श्रद्धा अनुसार, गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाएं. हवन, यज्ञ, दान, दान, व्रत और सत्यनारायण व्रत जैसे धार्मिक कार्य करना चाहिए। भगवान विष्णु के मंदिर जाकर विधि अनुसार, उनकी पूजा-अर्चना करें। इस शुभ दिन पर मंदिरों में दीया जलाएं और रोशनी करें। वर्ष भर का जो भी व्रत आचरण करते या नहीं करते वह कार्तिक पूर्णिमा का स्नान जरुर करें। इससे उनका जीवन तर जाएगा। 27 नवंबर को पूर्णिमा दोपहर तक ही है लेकिन इसका आचरण पूरे दिन किया जा सकता है। श्रीहरि को समर्पित कार्तिक मास का हर एक दिन विशेष है। इस दिन भगवान विष्णु को षोडशोपचार पूजन कर तुलसी अर्पित करें। विष्णु शास्त्रानाम का पाठ करें, ओम नम: भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें, ओम नमो नारायण नामक अष्टाचर मंत्र का जप करें। इस दिन देवस्थान का दर्शन करने का विशेष महत्व है। इस साल 27 नवंबर यानी सोमवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान भोलेनाथ ने देवताओं की प्रार्थना सुनकर त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। देव दीपावली या कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। देव दीपावली के दिन शिव की नगरी काशी (वाराणसी) में गंगा के सभी घाटों पर अनगिनत लाखों दीएं जलाएं जाते हैं। देव दीपावली के दिन शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने से भी मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है। कार्तिक पूर्णिमा को स्नान, दान और हवन आदि का बहुत ही महत्व है। माना जाता है कि पूर्णिमा पर दिए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है। असल में कार्तिक मास की पूर्णिमा मनुष्य के अंदर छुपी बुराईयों को, निगेटिविटी को, अहंकार, काम, क्रोध, लोभ और मोह को दूर करने में सहायता करती है और जीवन में पॉजिटिविटी, प्रसन्नता और पवित्रता का संचार करती है।  मान्यता है कार्तिक पूर्णिमा  के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। शास्त्रों में इस दिन सबसे अधिक प्रयागराज में स्नान-दान का महत्व बताया गया है, लेकिन अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर, पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें और गायत्री मंत्र का जाप करें। पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, कपास, घी, फल, अन्न, कंबल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। साथ ही किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए। कार्तिक मास में जो सूर्योदय के बाद स्नान करता है वह अपने पुण्य का क्षय करता है और जो सूर्योदय के पहले स्नान करता है वह अपने रोग और पापों को नष्ट करने वाला हो जाता है। पूरे कार्तिक मास के स्नान से पापशमन होता है तथा प्रभुप्रीति और सुख की प्राप्ति होती है। दु:ख दूर होते हैं और जीवन में अनुकूलता बढ़ती है।

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