भक्ति-भाव से करें श्रीकृष्ण की पूजा || Vaibhav Vyas


भक्ति-भाव से करें श्रीकृष्ण की पूजा

 भक्ति-भाव से करें श्रीकृष्ण की पूजा हिंदू धर्म में हर महीने का अपना खास महत्व होता है। चतुर्मास के समय में भगवान विष्णु की विभिन्न अवतारों में पूजा होती है। भाद्र मास में भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। पूरे देश में मनाया जाने वाला यह उत्सव विशेषकर भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी का त्योहार 6 सितम्बर 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन कृष्ण मंदिरों में झांकियां सजाते हैं। कई लोग अपने घर में लड्डू गोपाल का जन्म मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार यदि निसंतान दंपती अगर जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है। भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी तिथि शुरू - 06 सितंबर 2023, दोपहर 03.37 से अष्टमी तिथि समाप्त - 07 सितंबर 2023, शाम 04.14 पर होगी। 6 सितंबर 2023 - गृहस्थ जीवन वालों को इस दिन जन्माष्टमी मनाना शुभ रहेगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और रात्रि पूजा में पूजा का शुभ मुहूर्त भी बन रहा है। बाल गोपाल का जन्म रात में ही हुआ था। नंद के लाल कान्हा का जन्म मथुरा में हुआ था, इसलिए इस साल 6 सितंबर को मथुरा में भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 7 सितंबर 2023 - पंचांग के अनुसार इस दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। साधू, संत और सन्यासियों में कृष्ण की पूजा का अलग विधान है। शास्त्रों में पंचदेवों के उपासक (गृहस्थ) यानी स्मात संप्रदाय के लोगों के लिए कृष्ण की उपासना अलग तरीके से बताई गई है। इस दिन दही हांडी उत्सव भी मनेगा। हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। इस दिन कई लोग व्रत करते हैं। माना जाता है कि जो भी पूरी भक्ति-भाव और विधि- विधान से पूजा और उपवास करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन का खास का महत्व होता है, जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो उनके लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस व्रत को दंपति विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए करते हैं। इसके अलावा अविवाहित लड़कियां लड्डू गोपाल का व्रत रखकर झुला झुलाती हैं उनके विवाह के संयोग जल्द बनते हैं। जन्माष्टमी से पहले लोग इस खास दिन की विशेष तैयारी करके भी भगवान को रिझाने का प्रयास करते हैं।

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