शिव पुराण || Vaibhav Vyas


शिव पुराण  

शिव पुराण के उपाय करने से होता जीवन आनंदमयी शिव पुराण भगवान शिव को समर्पित है। इस पुराण में भगवान शिव की लीला कथाओं का वर्णन किया गया है, साथ ही इस पुराण में भगवान शिव की पूजा व्रत के नियमों को भी बताया गया है। इसी में उन रहस्यों को भी बताया गया है जिनसे भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न करके दुख, दरिद्रता और संकटों से पार पाया जा सकता है। शिव पुराण में बताए गए उन्हीं नियमों में से 7 ऐसे रहस्यमयी उपाय हैं जिनसे भोलेनाथ की महाकृपा से जल्दी मालामल हो सकते हैं और जीवन आनंदमय हो सकता है। शिव पुराण में महाकाल की पूजा और प्राकट्य के समय शिव भक्त के पास आकर बताते हैं कि शिव भक्ति से बढ़कर संसार में कुछ भी कल्याण प्रदान करने वाला नहीं है। जो शिवजी का भक्त होता है और बिना विधि विधान के भी शिव की भक्ति करता है वह संसार के सुख पा जाता है औऱ जो विधि पूर्वक शिव की भक्ति करता है उसकी तो बात ही क्या है। और इसी क्रम में भक्त को शिव भक्ति के तरीकों के बारे में बताते हैं। शिव पुराण में शिव भक्ति के कई तरीके और उपाय बताए गए हैं। वैसे तो भगवान भोलेनाथ की पूजा हर दिन और हर समय किया जाना मंगलकारी और लाभदायक कहा गया है। लेकिन शिवपुराण में बताया गया है कि जो शिव भक्त शिव रात्रि, महाशिवरात्रि और सावन मास पर व्रत रखता और भगवान भोलेनाथ की भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना करता है वह भक्त पूरे साल भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में पा जाता है। शिव पुराण में बताया गया है कि जो शिव भक्त पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय का 5 करोड़ बार जप कर लेता है वह शिव के समान हो जाता है यानी उन पर शिवजी की विशेष कृपा हो जाती है और वह शिवलोक में स्थान पाता है। शिव पुराण में बताया गया है कि शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र का एक करोड़, दो करोड़ और चार करोड़ जप पूरा करने लेने वाले भक्त पर भी ब्रह्म, विष्णु और रुद्र की कृपा हो जाती है। ऐसे शिव भक्त स्वयं अपने लिए धरती के तमाम सुख पा लेते हैं और इनके दर्शन करने वाले दूसरे मनुष्य भी ऐसे शिव भक्तों के दर्शन के पुण्य से लाभ पाते हैं। शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव की पूजा में 6 चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इनसे आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। शिवजी का अभिषेक करने से मनुष्य की आत्मशुद्धि होती है। गंध चंदन लेपन से पुण्य की प्राप्ति होती है। नैवेद्य अर्पित करने से संतुष्टि और आयु की वृद्धि होती है। शिवजी को धूप दिखाने से धन की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ को दीप दिखाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। पान यानी तांबूल अर्पित करने से तमाम सांसारिक भोग की प्राप्ति होती है। शिव पुराण में बताया गया है कि शिव भक्ति में साधकों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। पूजा के समय शिवलिंग के दक्षिण दिशा में उत्तराभिमुख होकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से पहले साधक को माथे पर त्रिपुंड चंदन लगना चाहिए। शिवजी की पूजा में बिल्वपत्र का बड़ा ही महत्व है। इसलिए शिवजी की पूजा के लिए बिल्वपत्र भी जरूर रखें। जो साधक मिट्टी के शिवलिंग बनाकर नियमित शिवजी की पूजा करते हैं वह शिव के प्रिय होते हैं और भगवान शिव इनके समस्त दुखों को हर लेते हैं। शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव का अभिषेक शक्कर और गन्ने से करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों की भौतिक कामनाएं पूरी कर देते हैं। ऐसे शिव भक्तों को भगवान शिव रोग और दुख से निकालकर धन-धान्य प्रदान करते हैं। इसलिए धन की कामना रखने वाले को इन दोनों चीजों से भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए।

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