रुद्राक्ष को धारण करने से पहले करें अभिमंत्रित || Vaibhav Vyas


रुद्राक्ष को धारण करने से पहले करें अभिमंत्रित 

 रुद्राक्ष को धारण करने से पहले करें अभिमंत्रित ज्योतिश शास्त्र में रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है, साथ ही यह भी बताया जाता है कि रत्नों को अभिमंत्रित करने के बाद धारण करना फायदेमंद होता है। ठीक उसी प्रकार रुद्राक्ष को भी अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए। शिवपुराण में मुख्य 14 प्रकार के रुद्राक्ष के बारे में भगवान शिव ने बताया है जो रुद्राक्ष के मुख के आधार पर है। 1 से 3 मुखी रुद्राक्ष की खूबियां- एकमुखी रुद्राक्ष को शिव स्वरूप कहा गया है जहां इनकी पूजा होती है वहां लक्ष्मी सदा वास करती हैं। दो मुखी रुद्राक्ष को देवदेवेश्वर कहा गया है जो कामना को पूर्ण कर देता है। तीन मुखी रुद्राक्ष साधना का फल देती है। यह ज्ञान और विद्या में वृद्धि कारक है। 4 से 7 मुखी रुद्राक्ष की खूबियां- चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्म के समान है जो भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला है। पांच मुखी रुद्राक्ष रुद्र के समान है जो सर्वकामना पूर्तिकारक और पाप नाशक है। 6 मुखी रुद्राक्ष को कार्तिक के समान कहा गया है। इसे दायीं भुजा में धारण करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है। सात मुखी रुद्राक्ष अनंग यानी कामदेव के समान है इसे धारण करने से धन प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है। 8 से 10 मुखाी रुद्राक्ष की खूबियां- 8 मुखी रुद्राक्ष को अष्टमूर्ति भैरव के समान कहा गया है जो अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और व्यक्ति को शिवलोक में स्थान दिलाता है। 9 मुखी रुद्राक्ष कपिल मुनि और भैरव के समान कहा गया है इसे बाएं हाथ में धारण करने वाले पर नौ देवियों की कृपा रहती है। 10 मुखी रुद्राक्ष विष्णु स्वरूप है जो सभी तरह की कामना को पूर्ण करने में सक्षम है। 11 से 14 मुखी रुद्राक्ष की खूबियां- 11 मुखी रुद्राक्ष रुद्र का प्रतीक होता है जिसे धारण करने वाला मनुष्य हमेशा विजयी होता है। 12 मुखी रुद्राक्ष को सिर पर धारण करने का विधान है ऐसे मनुष्य पर 12 अदित्य प्रसन्न होकर कृपा करते हैं। 13 मुख वाला रुद्राक्ष विश्वदेव का प्रतीक है जो मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है। 14 मुख वाला रुद्राक्ष परम शिवरूप है जिसे धारण करने से सभी पापों का क्षय होता है। रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र- एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं नम:, दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम नम:, तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम क्लीं नम:, चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं नम:, पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं नम:, 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं हुं नम:, 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम हुं नम:, 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम हुं नम:, 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं हुं नम:, 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं नम:, 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं हुं नम:, 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम क्रौं क्षौं रौं नम:, 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम ह्रीं नम: तथा 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र - ओम नम: है। इस प्रकार अभिमंत्रित करके पहना गया रुद्राक्ष अनन्त फलदायी माना गया है।

Comments