पुरुषोत्तम मास में श्री हरि की पूजा शीघ्र फलदायी || Vaibhav Vyas


पुरुषोत्तम मास में श्री हरि की पूजा शीघ्र फलदायी 

पुरुषोत्तम मास में श्री हरि की पूजा शीघ्र फलदायी जिस प्रकार से सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है, ठीक उसी प्रकार पुरुषोत्तम मास का यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। श्रावण मास के बीच 18 जुलाई से अधिक मास लगा है और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस माह में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। अधिक मास में धार्मिक कार्यों के आयोजन हो या धर्म-कर्म के कार्य, इस माह किए गए कार्य शीघ्र फलदायी और भगवत कृपा का आशीर्वाद मिलने वाला रहता है। सावन माह में शिव उपासना के साथ ही साथ श्री विष्णु हरि की पूजा-आराधना के साथ कुछ उपाय किए जाएं तो वो भगवान की कृपा से वो शीघ्र और शुभ फलदायी रहते हैं। जलाएं अखंड ज्योति- घर के मंदिर में लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के सामने अखंड ज्योत प्रज्वलित करें। इसके साथ ही 11 कन्याओं को भोजन कराने से धन की देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। मिलेगी लक्ष्मी जी की कृपा- हिंदू धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसे में अधिक मास में शुक्रवार के दिन शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें। ऐसा करने पर श्री हरि की तो कृपा प्राप्त होगी ही, साथ ही माता लक्ष्मी भी आपसे प्रसन्न होंगी। अधिकमास में शाम के समय दरवाजे पर दीपक जरूर जलाएं। ऐसा माना जाता है कि दरवाजे पर दीपक जलाने से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है।   तुलसी जी में अर्पित करें जल- सनातन धर्म में तुलसी जी का विशेष महत्व है। इसमें माता लक्ष्मी का वास माना गया है। इसलिए अधिक मास में सुबह स्नान आदि के बाद तांबे के लोटे से तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए। तुलसी में जल अर्पित करने के बाद उनकी परिक्रमा करते हुए ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम: मंत्र का जाप करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें।

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