सावन के पहले सोमवार पर बन रहे विशेष योग || Vaibhav Vyas


 सावन के पहले सोमवार पर बन रहे विशेष योग 
 
सावन के पहले सोमवार पर बन रहे विशेष योग 4 जुलाई दिन मंगलवार से सावन मास की शुरुआत हो रही है और 10 जुलाई को सावन मास के पहले सोमवार का व्रत किया जाएगा। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय मास है और इस बार मलमास या पुरुषोत्तम मास की वजह से चार नहीं बल्कि आठ सोमवार का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे वर्ष शिव पूजा का जो पुण्य मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने मात्र से ही प्राप्त हो जाता है। सोने पर सुहागा की यह है कि इस बार सावन के पहले सोमवार पर कई सुंदर योग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व कई गुणा बढ़ गया है। सावन के पहले सोमवार पर शुभ योग- सावन सोमवार का पहला व्रत 10 जुलाई को किया जाएगा। इस दिन रवि नामक सुंदर योग बन रहे हैं और पंचक काल भी समाप्त हो रहा है। साथ ही गुरु और चंद्रमा के एक राशि में होने पर गजकेसरी नामक शुभ योग भी बन रहा है, जिससे सावन के पहले सोमवार का महत्व बढ़ गया है। इसके साथ ही पुरुषोत्तम मास के स्वामी श्रीहरि हैं, जिससे सावन में हरि और हर दोनों की कृपा प्राप्त करने का शुभ संयोग बन रहा है। सावन सोमवार का महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्य बदल जाता है और शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। वैवाहिक जीवन में खुशहाली और जीवन में सुख समृद्धि के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है। इस मास की गई पूजा से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और ग्रह-नक्षत्रों के स्वामी होने की वजह से सभी दोष भी दूर होते हैं। इसके अलावा मान्यता है कि भगवान शिव सावन मास में धरती पर अपने ससुराल गए थे, जहां उनका भव्य स्वागत जलाभिषेक और अघ्र्य देकर किया गया था। इसलिए इस मास भक्त भक्ति में लीन रहते हैं, जिससे शिव कृपा प्राप्त की जा सके। सावन सोमवार व्रत विधि- सावन सोमवार का व्रत ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दिन के तीसरे प्रहर यानी सायंकाल तक रखा जाता है। सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान से निवृत होकर हाथ में अक्षत लेकर व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद पास के शिवालय में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल, जल, बेलपत्र, सुपारी, फूल, फल, भांग, धतुरा आदि पूजा की चीजें अर्पित करें और विधि विधान के साथ शिव पूजा करें। सोमवार व्रत में कथा सुनना अनिवार्य माना जाता है। कथा सुनने के बाद शिव मंत्रों का जप करें और प्रार्थना करें। इसके बाद प्रदोष काल में भी शिव पूजन करें और मंत्रों का जप करते हुए आरती उतारें। सावन सोमवार की तिथियां- इस बार सावन मास में आठ सोमवार का व्रत किया जाएगा। पहले सोमवार का व्रत 10 जुलाई, दूसरा सोमवार का व्रत 17 जुलाई, तीसरा सोमवार का व्रत 24 जुलाई, चौथे सोमवार का व्रत 31 जुलाई, पांचवें सोमवार का व्रत 7 अगस्त, छठे सोमवार का व्रत 14 अगस्त, सातवें सोमवार का व्रत 21 अगस्त और आठवें सोमवार का व्रत 28 अगस्त को किया जाएगा।

Comments