शिव पूजा की सरल पूजन विधि || Vaibhav Vyas


शिव पूजा की सरल पूजन विधि 

शिव पूजा की सरल पूजन विधि भगवान शिव को हम भोले भंडारी भी कहते हैं क्यूंकि भगवान् शंकर बहुत भोले हैं और यदि कोई सच्ची श्रद्धा भक्ति से शिवलिंग पर सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिव पूजा विधिपूर्वक करे तो शिवजी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यहां शिव पूजा की सरल पूजन विधि दी जा रही है। सोमवार को शिव पूजन का विशेष महत्व हैं वैसे आप किसी भी दिन शिव पूजा कर सकते हैं। सुबह जल्दी स्नान करके और सफ़ेद कपडे पहनकर शिव पूजन करना चाहिए। शिव जी की पूजा सुबह में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए। शाम में शिव जी की पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए। रात्रि में शिव जी की पूजा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए। शिव पूजा का सकंल्प- शिव पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें। शिव पूजन विधि- अपने बाएँ हाथ की हथेली में जल लें एवं दाहिने हाथ की अनामिका उँगली व आसपास की उँगलियों से निम्न मंत्र बोलते हुए स्वयं के ऊपर एवं पूजन सामग्रियों पर जल छिड़कें- ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्था गतोह्यपि वा। या स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्रामायंतर: शुचि:।। श्रद्धा भक्ति के साथ घी का दीपक लगाएं। दीपक रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प से पूजन करें। अगरबत्ती/धूपबत्ती जलाये। जल भरा हुआ कलश स्थापित करे और कलश का धूप ,दीप, रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प से पूजन करें। सर्वप्रथम गणेशजी और गौरी का पूजन करे। अब शिवजी का ध्यान और हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर ऊँ नम: शिवाय: मंत्र बोलते हुए शिवजी का आवाहन करे। अक्षत और पुष्प शिवलिंग को समर्पित कर दे। अब शिवलिंग का जल, कच्चे दूध और पंचामृत से अभिषेक करे। गन्ने का रस, भांग, शहद, शिवलिंग को अर्पित करे। पुन्न: शुद्ध जल से अभिषेक करे। चन्दन, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,दूर्वां , बिल्व पत्र ,पुष्प और माला अर्पित करे। शिव जी को चावल सर्वाधिक प्रिय हैं। अत: चावल की खीर, मिठाइयाँ, एवं ऋतुफल जैसे- सेब,  चीकू आदि का नैवेद्य अर्पित करे। आचमन के लिए जल अर्पित करे। श्री शिव चालीसा का पाठ करे। अंत मैं शिव आरती करे। पुष्पांजलि समर्पित करे। शिव पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए भगवान् शिव के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे- मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं यत पूजितं मया देव, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव। आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरं।।

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