आषाढ़ मास में करें भगवान शिव और विष्णु की पूजा || Vaibhav Vyas


 आषाढ़ मास में करें भगवान शिव और विष्णु की पूजा

हिंदू पंचांग में बताए गए सभी महीनों का अपना-अपना महत्व है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास विक्रम संवत का चौथा महीना है। इस मास का हिन्दू धर्म में विशेष अध्यात्मिक महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। साथ ही इस पवित्र महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा और देवशयनी एकादशी प्रमुख हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 04 जून सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 05 जून सुबह 06 बजकर 38 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार आषाढ़ मास 05 जून 2023, सोमवार के दिन से होगा।

क्या है आषाढ़ मास का महत्व-

वैदिक धर्मग्रन्थों में बताया गया है कि आषाढ़ मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही साधक को पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ आषाढ़ मास में पडऩे वाली योगिनी एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को गौ और 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ इस मास में गुरुओं की पूजा और उनकी सेवा का भी विशेष महत्व है।

आषाढ़ मास में करें यह कार्य-

आषाढ़ मास को वर्षा ऋतू का महीना भी कहा गया है। जिस वजह से मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इस मास में व्यक्ति को पौष्टिक और संतुलित आहार का ही सेवन करना चाहिए। इसके साथ तली-भुनी चीजों का कम से कम सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति कई प्रकार की बीमारियों से दूर रह सकता है। पूरे माह में सात्विक भोजन करना चाहिए, जिससे मन की स्थिरता मिल सके और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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