देवशयनी एकादशी अपार सिद्धिदायक गुणों से परिपूर्ण || Vaibhav Vyas


 देवशयनी एकादशी अपार सिद्धिदायक गुणों से परिपूर्ण 

 देवशयनी एकादशी अपार सिद्धिदायक गुणों से परिपूर्ण हिंदू धर्म में एकदाशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकदाशी कहा जाता है। देवशयनी एकादशी 29 जून, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस एकादशी को आषाढ़ी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन से ही भगवान विष्णु 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी अपार सिद्धिदायक गुणों से भरी होती है। इस एकादशी के दिन कुछ मंत्रों के जाप से विष्णु भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन इन मंत्रों का जाप विशेष और शीघ्र फलदायी माना गया है। विष्णु मूल मंत्र- ऊँ नमो: नारायणाय॥ भगवते वासुदेवाय मंत्र- ऊँ नमो: भगवते वासुदेवाय॥  विष्णु गायत्री मंत्र- ऊँ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥ श्री विष्णु मंत्र- मंगलम भगवान विष्णु:, मंगलम गरुड़ध्वज:। मंगलम पुण्डरीकाक्ष:, मंगलाय तनो हरि:॥ भगवान विष्णु का पंचरूप मंत्र- ऊँ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। विष्णु स्तुति- शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्। लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिध्र्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्॥ यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:। सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: । ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:॥ भगवान विष्णु के मंत्र जाप के लाभ- देवशयनी एकादशी के दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने और उनके मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। भगवान विष्णु के ये सभी मंत्र बेहद लाभकारी और चमत्कारी माने जाते हैं। माना जाता है कि इन मंत्रों के जाप से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से घर में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है। देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान के इन मंत्रों का प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जो लोग इस मंत्र का जाप करते हैं उनके परिवार में खुशहाली आती है और घर के सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है। इन मंत्रों के जाप से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं।

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