निर्जला एकादशी व्रत से दूर होंगे दुख-संकट || Vaibhav Vyas


 निर्जला एकादशी व्रत से दूर होंगे दुख-संकट

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इस प्रकार साल 2023 में 31 मई को निर्जला एकादशी है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा उपासना की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति व्रत नियमों का पालन कर निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इन उपायों को करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शुभ कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है। 

- एकादशी के दिन मंदिर जाकर भगवान विष्णु को गेहंू या चावल अर्पित करें। अब अन्न को किसी जरूरतमंद को दान कर दें। इससे जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों का अंत होता है।

- जगत के पालनहार भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। अत: एकादशी के दिन स्नान-ध्यान से निवृत होकर पीले वस्त्र धारण कर भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा पीले फल, पीले पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, पान-सुपारी आदि चीजों से करें। साथ ही भोग में उन्हें पीले रंग की मिठाई भेंट करें। इससे भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

- सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान विष्णु संग तुलसी मां की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी संकटों से साधक को छुटकारा मिलता है। तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसके लिए निर्जला एकादशी को संध्याकाल में दीप जलाकर तुलसी मां की आरती करें। अंत में सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें।

- अगर आप मनचाही सफलता पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसाद में नारियल जरूर भेंट करें। ऐसा करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है।

एकादशी के दिन संध्याकाल में पीपल वृक्ष की पूजा-आरती करें। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है।

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