अमावस्या पर दान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति || Vaibhav Vyas


 अमावस्या पर दान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति

अमावस्या का दिन दान-पुण्य के लिहाजा खास महत्व का दिन माना गया है। अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में शुभ तिथियों पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है। अमावस्या के दिन आप पितरों के निमित्त दान करते हैं तो नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं और वे अपने वंश की तरक्की का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन जरूरतमंदों की सेवा कर उन्हें दान देना भी श्रेयष्कर माना गया है। इसके अलावा अमावस्या के दिन इन चीजों का भी दान किया जा सकता है।

1. वस्त्र का दान- जिस प्रकार से मनुष्यों को मौसम के अनुसार कपड़ों की जरूरत होती है ताकि वे सर्दी और गर्मी से बच सकें. उसी तरह पितरों को भी होती है। इसके बारे में गरूड़ पुराण में बताया गया है। इसी वजह से आप अमावस्या पर अपने पितरों के लिए वस्त्रों का दान करें। शास्त्रों के अनुसार वस्त्र दान में अन्य चीजों के अलावा धोती और गमछा दान अवश्य करना चाहिए।

2. चांदी की वस्तुएं- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है, इस वजह से आप पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं का दान कर सकते हैं. इससे वे प्रसन्न होते हैं। सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

3. दूध और चावल का दान- पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध और चावल का भी दान कर सकते हैं। इस दान से नाराज पितर भी खुश होते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। वंश की वृद्धि होती है।

4. काले तिल का दान- आमवस्या के दिन स्नान के बाद आप अपने पितरों को ध्यान करके काले तिल का दान कर दें। अन्य वस्तुएं जो भी दान करें, उस दौरान हाथ में तिल लेकर दान करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे वस्तुएं पितरों को प्राप्त होती हैं। वे अपने वंश से प्रसन्न रहते हैं।

5. भूमि दान- यदि आप क्षमतावान और संपन्न हैं तो पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या या पितृ पक्ष में भूमि का दान कर सकते हैं। भूमि दान को महादान माना जाता है। बड़े पापों का प्रायश्चित करने के लिए भूमि दान किया जाता है।

पिंडदान- जिन लोगों ने अपने पितरों का पिंडदान नहीं किया है, वे लोग अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान करके पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। हिंदू धर्म में पिंडदान का बड़ा महत्व है। पिंडदान पवित्र नदियों के किनारे या संगम आदि स्थान पर करना विशेष फलदायी रहता है।

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