हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। निर्जला एकादशी को साल की सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। माना जाता है कि इस एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। इस दिन किए गए तुलसी के कुछ उपायों से विष्णु भगवान के साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई को रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंजीरी और चरणामृत का भोग लगाना चाहिए। इस भोग में तुलसी के कुछ पत्ते डालने से जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी दल मिलाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
विष्णु भगवान को तुलसी बेहद प्रिय है। इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद विष्णु भगवान के मंत्र का जाप करते हुए 11 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें, ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है और सुख-शांति भी बनी रहती है।
निर्जला एकादशी के दिन माता तुलसी की परिक्रमा करते हुए उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें तुलसी की परिक्रमा हमेशा सही दिशा में ही करनी चाहिए। तुलसी के पौधे की उल्टी दिशा में परिक्रमा करना अशुभ माना जाता है।
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी जी की भी पूजा करना विशेष रूप से फलदायी होता है। निर्जला एकादशी के दिन तुलसी माता का पूर्ण श्रृंगार करके उनकी पूजा और आरती करनी चाहिए।
इस दिन तुलसी मां की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। तुलसी की पूजा के लिए उनके सामने दीपक जलाकर आरती करें। ध्यान रखें कि निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल न दें क्योंकि माना जाता है कि इस दिन माता तुलसी भी विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत करती हैं।
अगर आपके दाम्पत्य जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो आप ध्यान रखें कि माता तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाएं। लाल चुनरी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे तुलसी में चढ़ाने से भगवान् विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहती है जो आपके दाम्पत्य जीवन के लिए शुभ माना जाता है।
निर्जला एकादशी के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करते हुए यदि आप माता तुलसी की पूजा करती हैं की खुशहाली सदैव बनी रहती है। इस दिन आप विष्णु जी को भोग लगाने के साथ तुलसी के पौधे में भी भोग अर्पित करें जिससे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
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